सोयाबीन के नुकसान
बेर के जूस से जल्द ही ठीक हो सकती है कब्ज़ की समस्या…
सोयाबीन को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन, खनिज, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन ए की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह सभी तत्व शरीर के लिए आवश्यक अमीनो एसिड का काम करते हैं। इसलिए आम लोगों से लेकर जिम करने वाले लोग प्रोटीन के सेवन के लिए सोयाबीन का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोयाबीन और इससे बने अन्य प्रोडक्ट्स को अगर सीमित मात्रा में खाने के कई फायदे हैं तो ज्यादा खाने के नुकसान भी है। क्योंकि इसमें मौजूद ट्रांस फैट्स दिल की बीमारियों और मोटापे जैसी समस्याओं को बढ़ाते हैं। इसलिए इस तरह की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। आइए जानें किन बीमारियों से ग्रस्त लोगो को सोयाबीन नहीं खाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग में परहेज
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं को सोयाबीन या सोयाबीन दूध का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से मतली, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती है।
एलर्जी की समस्या
जिन लोगों को गाय के दूध से एलर्जी होती है वह लोग सोया उत्पादों के प्रति भी संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए सोया उत्पादों का उपयोग सावधानी से करें। इसके अलावा माइग्रेन और हाइपोथॉयराइड के मरीजों को भी सोयाबीन से परहेज करना चाहिए।
किडनी फेलियर
सोया में फीटोएस्ट्रोजन्स नामक एक केमिकल पाया जाता है और फीटोएस्ट्रोजन्स का उच्च स्तर विषाक्त हो सकता हैं। इसलिए किडनी की विफलता वाले जो लोग सोया उत्पादों का उपयोग करते हैं उन लोगों के ब्लड में फीटोएस्ट्रोजन्स के स्तर के बढ़ने का जोखिम अधिक होता है। इसलिए अगर आपको किडनी में किसी भी तरह की समस्या है तो अधिक मात्रा में सोया के सेवन से बचें।
मूत्राशय का कैंसर
सोया उत्पादों के सेवन से मूत्राशय कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए अगर आपको मूत्राशय कैंसर है या पारिवारिक इतिहास में किसी को मूत्राशय का कैंसर है यानी इसके होने का उच्च जोखिम है तो सोया उत्पादों से बचना चाहिए।
डायबिटीज
डायबिटीज से ग्रस्त लोग जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की दवा ले रहे हैं, उन्हें सोया के सेवन से ब्लड शुगर के स्तर के घटने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को सोया के अधिक सेवन से बचना चाहिए।