इस माह दो तारीख को दलितों के भारत बंद के बाद से कांग्रेस केंद्र सरकार और भाजपा पर दबाव बना रही थी, लेकिन दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेताओं के छोले-भटूरे खाकर राजघाट पर उपवास में पहुंचने से पूरी पार्टी बैकफुट आ गई है। इसमें समस्या सबसे बड़ी यह आ गई कि जब तक कांग्रेसी मुद्दे को डैमेज कंट्रोल करते तब तक सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के उपवास का उपहास मनना शुरू हो गया था। वहीं, भाजपा इससे गदगद है और उसने दलितों व अन्य मुद्दे पर पलटवार शुरू कर दिया है। भाजपा सांसद 12 अप्रैल को उपवास भी रखेंगे।
मोदी के मंत्री का तंज- फुल टंकी उपवास- न भूख न प्यास
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के केंद्र स्तर के नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों ने भी कांग्रेस के उपवास का उपहास उड़ाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ‘खाया पेट भर भटूरा-छोला फिर पहुंच गए करने उपवास बिन बदले चोला’। छोला-भटूरा खाकर उपवास किया जा रहा है। जो गरीबों और दलितों के साथ उपहास है। 70 सालों तक बैंको से दूर रखने वाली कांग्रेस असल मायने में दलित विरोधी है।
संबित पात्रा ने कहा कि कांगेस पार्टी और राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के आदर्शों को छलनी करके रख दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश और दलितों के साथ आज जो मजाक किया है। उसके लिए जनता उन्हें कतई माफ नही करेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश में परिवर्तन लाने की बात करते हैं। लेकिन सच तो यह है कि वो सुबह जल्दी उठ नही सकते हैं। और एक वक्त का भोजन भी छोड़ नही सकते है।
भाजपा के इस बदले हुए रुख से कांग्रेस सकते में है। देश के किसी भी हिस्से में दलितों के साथ होने वाली किसी घटना के बहाने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने वाली कांग्रेस के तेवर इन दिनों ज्यादा आक्रामक हो गए थे। इस दौरान एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए बदलाव के विरोध में दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद रखा था जिससे कांग्रेस को भी केंद्र सरकार व भाजपा पर हमला करने का एक और मौका मिल गया था।
इसे धार देने के लिए सोमवार को राहुल गांधी अन्य नेताओं के साथ उपवास पर थे। उनके समर्थन में देशभर में भी कांग्रेसी उपवास किया था। कांग्रेसियों ने शायद ही सोचा होगा कि इस उपवास का केंद्रीय स्थल राजघाट उपहास का केंद्र बन जाएगा, वह भी तब जब कांग्रेस अध्यक्ष खुद मौजूद थे। उपवास से पहले दिल्ली के एक रेस्तरां में छोले-भटूरे खाते कांग्रेस नेताओं की तस्वीर ने कांग्रेस की फजीहत करा दी।
सिख विरोधी दंगे के आरोपित नेताओं के राजघाट पहुंचने से भी विवाद पैदा हो गया। विपक्ष के साथ लोग भी सोशल मीडिया पर खूब लानत मलानत कर रहे हैं।
इधर, दलितों पर अत्याचार को लेकर आरोप झेल रही भाजपा के नेता इस मौके को खोना नहीं चाहते हैं। इसलिए वे कांग्रेस के दलित प्रेम की पोल खोलने में लग गए हैं। वह यह प्रचारित कर रहे हैं कि कांग्रेस दलितों को गुमराह कर सियासी लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस घटना से उसकी सच्चाई सामने आ गई है।
भाजपा ने संसद सत्र नहीं चलने देने का आरोप लगाते हुए 12 अप्रैल को अपने सांसदों द्वारा उपवास की घोषणा की है। उसका आरोप है कि विपक्ष ने संसद की कार्यवाही में व्यवधान डाला और सत्र नहीं चलने नहीं दिया। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की राजनीति बंटवारे की है। पिछले 23 दिन कांग्रेस ने नकारात्मक राजनीति कर संसद ठप किया है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features