शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किल एक बार फिर बढ़ गई हैं. PMLA कोर्ट ने माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. यह मामला KFA-IDBI बैंक के 900 करोड़ रुपये के लोन का है, इसके तहत PMLA कोर्ट ने माल्या के खिलाफ 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. इससे पहले भी सीबीआई के पास माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट था, वहीं ईडी ने भी विजय माल्या के खिलाफ एक नई अर्जी दाखिल की है.

आपको बता दें कि बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर बीते माह ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई थी. माल्या पर अब अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी, जिसमें उन्हें पेश होना होगा. माल्या को कोर्ट से 4 दिसंबर तक जमानत मिल गई है. सुनवाई से पहले कोर्ट के बाहर माल्या ने पत्रकारों से कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है, मैं सारे आरोप खारिज करता हूं. मैं किसी कोर्ट से भागा नहीं हूं. मेरे पास कोर्ट में मामले को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
माल्या के वकील ने कहा कि भारत ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए हैं. हमें अधिक साक्ष्य और दस्तावेजों की आवश्यकता है. वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा कि भारत हमारे साथ बहुत निकटता से काम कर रहा है और हम सभी दस्तावेजों और सबूत उपलब्ध कराएंगे, जिन्हें मांगा जा रहा था.
गौरतलब है कि विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. बैंकों का कर्ज चुकाने के बजाय माल्या देश छोड़कर फरार हो गये. माल्या 2016 से ही लंदन में हैं. जिसके बाद भारत ने ब्रिटेन सरकार से माल्या को भारत भेजने की अपील की थी. भारत की मांग पर सुनवाई करते हुए लंदन प्रशासन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी.
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