नई दिल्ली। बीते कई दिनों से लोगों को कैश की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। किसी भी बैंक के एटीएम में कैश नहीं मिला रहा, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, क्योंकि नोटबंदी को लगभग साढ़े पांच महीने हो गए हैं।
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एटीएम में कैश की कमी से लोगों को हो रही परेशानी
दरअसल, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि एटीएम में डिमांड के हिसाब से कैश की सप्लाई नहीं हो रही। इस वजह से कस्टमर्स को परेशानी हो रही है और एटीएम ऑपरेटरों को करीब 700 करोड़ रुपये की आमदनी से हाथ धोना पड़ा है। इंटरबैंक एटीएम विदड्रॉल से भी कैश की मांग बढ़ने का संकेत मिलता है, जो मार्च में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
यह जानकारी नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के डेटा से मिली है। पिछले साल दिसंबर में इंटरबैंक एटीएम विदड्रॉल 50,000 करोड़ रुपये था। इस बारे में हिताची पेमेंट सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर एल एंटनी ने बताया, ‘एटीएम विदड्रॉल पर पाबंदी हटने के बाद से एवरेज ट्रांजैक्शन बढ़कर 4,000 रुपये हो गई है, जो नोटबंदी के पहले वाले लेवल के बराबर है। पिछले साल नवंबर से इस साल फरवरी के बीच एवरेज ट्रांजैक्शन 2,000 रुपये की थी।’
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