फिर से सजा सियासी महा दंगल: केजरीवाल के लिए हार का दाग धोने का है आखिरी मौका...

फिर से सजा सियासी महा दंगल: केजरीवाल के लिए हार का दाग धोने का है आखिरी मौका…

बवाना उपचुनाव की तारीख घोषित होने के साथ दिल्ली में एक बार फिर सियासी जंग शुरू हो गयी है। चुनाव बेशक एक सीट है, लेकिन तीनों दलों के लिये यह बेहद अहम है। सीट पर दुबारा जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी (आप) एमसीडी चुनाव का दाग धोना चाहती है।फिर से सजा सियासी महा दंगल: केजरीवाल के लिए हार का दाग धोने का है आखिरी मौका...योगी ने पूर्व CM अखिलेश को दिया करार जवाब, कहा- यूपी-100 को बनाया था वसूली का अड्डा

वहीं, भाजपा के लिये यह साबित करने का मौका है कि आप ने दिल्ली में लोकप्रियता गयी है। कांग्रेस को जीत दर्ज कर विधान सभा में अपना खाता खोलना है। एमसीडी चुनाव से पहले आप विधायक वेद प्रकाश इस्तीफा देकर भाजपा के साथ चले गये थे।

इससे सीट खाली हो गयी थी। इसके बाद आप ने यहां दुबारा वापसी के लिये सघन अभियान चलाया। सबसे पहले पार्टी ने रामचंद्र को उम्मीदवार बनाया। वहीं, पिछले करीब दो महीनों में विधान सभा के पूरे संगठन का पुनगर्ठन किया है।

पार्टी ने तेज‌ किया प्रचार अभियान

बूथ स्तर पर कमेटियां गठित की गयीं। इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इलाके का कई बार दौरा किया। केजरीवाल ने आप उम्मीदवार को वोट देने की लोगों से अपील की है और सभी काम पूरे करने का भरोसा भी जताया है।

विधान सभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद पार्टी इस सीट पर प्रचार अभियान तेज करने जा रही है। दिल्ली देहात की इस सीट के गांवों से पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक व दिल्ली सरकार के मंत्री अपने सीधी बात कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे हैं। मिशन स्मार्ट गांव अभियान के तहत गांवों में पंचायत लगायेंगे। इस दौरान गांवों में बश्ेहतर सुवधाओं देने की योजना तैयार की जायेगी।

इससे पहले दिल्ली सरकार घोषणा कर चुकी है कि दिल्ली के हर गांव के विकास के लिये सरकार हर साल दो करोड़ रुपये का फंड देगी। वहीं, विलेज डवलपमेंट बोर्ड का भी पुनर्गठन किया है। अब इस फंड के सहारे गांवों को स्मार्ट बनाने का सरकार ने ऐलान किया है। इसके लिये लोगों से बात की जायेगी।

बवाना उपचुनाव में दलबदलुओं का बोल बाला  
उपचुनाव में एक खास बात यह भी है कि तीन प्रमुख उम्मीदवारों में दो दलबदलू हैं। भाजपा प्रत्याशी वेद प्रकाश इससे पहले बवाना से ही आप विधायक थे। जबकि आप प्रत्याशी रामचंद्र बसपा के नेता रह चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार ने अपनी पार्टी नहीं बदली है।      
 
केजरीवाल की सीधी नजर      
एमसीडी चुनाव में मनमाफिक नतीजा न मिलने के बाद अब आप इस सीट को गंवाना नहीं चाहती। तभी बवाना उपचुनाव पर अरविंद केजरीवाल की सीधी नजर है। वे कई बार बवाना का दौरा कर चुके हैं। जनता के बीच जाकर वेद प्रकाश की धोखे की बात करते हैं।

जुलाई के पहले हफ्ते में भी वह बवाना गये थे। इस दौरान उन्हें टूटी सड़कों और पानी से भरे गढ्डों से गुजरना पड़ा था। लोगों की शिकायत थी कि उनके इलाके का विकास नहीं हुआ है। इस पर केजरीवाल ने कहा कि रामचंद्र के जीतने के बाद एक महीने में सड़कें बननी शुरू हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने बवाना के अखाड़ों का भी दौरा किया।

विधान सभा इलाके के अहम मसले      
-सड़कों की हालत खराब हैं। औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की हालत भी खराब है।       
-पेयजल आपूर्ति भी अच्छी नहीं है।       
-बिजली आपूर्ति भी बाधित रहती है।     
-स्वास्थ्य सेवायें भी ज्यादा बेहतर नहीं हैं।      

बवाना विधानसभा      
जिला : उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली      
राज्य : दिल्ली      
सीट : आरक्षित      
अब तक ये रह चुके विधायक      
सन —- सदस्य —- पार्टी      
2015 —- वेद प्रकाश —- आम आदमी पार्टी      
2013 —- गुगन सिंह —- भाजपा      
2008 —- सुरेंद्र कुमार —- कांग्रेस      
2003 —- सुरेंद्र कुमार —- कांग्रेस      
1998 —- सुरेंद्र कुमार —- कांग्रेस      
1993 —- चांद राम —- भाजपा

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