सेंसर बोर्ड अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान एक हैरान कर देने वाली बात का खुलासा किया है. पहलाज निहलानी ने यूट्यूब पर एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि पिछले साल रिलीज हुई फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर सरकार ने उन्हें इस फिल्म को पास नहीं करने के लिए कहा था.जानिए क्यों सलमान ने ऐश्वर्या के साथ ‘पद्मावती में काम करने से किया था मना…
पहलाज निहलानी के इस चौंकाने वाले इंटरव्यू के वीडियो को यूट्यूब पर शेयर किया गया है. वीडियो में पहलाज निहलानी कह रहे हैं कि मिनिस्ट्री ने उन्हें फिल्म उड़ता पंजाब को पास नहीं करने को कहा. पहलाज ने इस इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे कई जगह से इस फिल्म को पास नहीं करने पर प्रेशर डाला गया, मुझे पंजाब से भी इस फिल्म को लेकर निर्देश मिले कि ये फिल्म पास नहीं होनी चाहिए.
उड़ता पंजाब ने उड़ा दी थी सरकार की नींद
पहलाज ने आगे कहा कि मैंने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते जो मेरे पास चार्ज था उसकी गाइडलाइन्स को देखते हुए इस फिल्म को पास किया. पहलाज निहलानी द्वारा पहली बार सरकार को लेकर किए गए इस खुलासे ने वाकई मौजूदा सरकार की छवी पर कई सवाल उठा दिए हैं. जाहिर सी बात है कि पिछले साल इस फिल्म की रिलीज को लेकर पंजाब में राजनीतिक तलवारें खिंच गईं थी. वजह थी 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव, फिल्म में पंजाब में फैले ड्रग्स को लेकर दिखाया जाने वाला कंटेंट कहीं ना कहीं पंजाब के काले चेहरे को बेनकाब कर रहा था, ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की नींद उड़ना जायज थी. वोट बैंक पर कोई आंच ना आ पाए इसलिए सेंसर बोर्ड पर फिल्म को बैन करने का दवाब बनाया गया. यहां तक कि सरकार ने ये कहकर CBFC से फिल्म पर रोक लगाने को कहा कि फिल्म में पंजाब को गलत ढंग से पेश किया गया है. इसी वजह से उस दौरान पंजाब में विपक्षी पार्टियों ने अकाली दल पर फिल्म को बैन करने को लेकर निशाना साधा. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि पंजाब में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए फिल्म को राजनीतिक कारणों से रोका जा रहा है.
फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द को हटाने की मांग की गई
17 जून, 2016 को रिलीज हुई फिल्म उड़ता पंजाब में बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी ने फिल्म में करीब 89 कट लगाए. कमेटी द्वारा फिल्म के नाम से ‘पंजाब’ शब्द को हटाने को कहा गया है. कमेटी को फिल्म के एक गाने पर भी एतराज था. कमेटी का मानना था कि फिल्म में पंजाब का या फिर पंजाब के चुनाव का कोई जिक्र नहीं होना चाहिए. पंजाब में इस फिल्म को रिलीज करना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने और राज्य में फैले नशे के असल हालात दिखाए जाने की वजह से इस फिल्म पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है.