जिसमें उन्होंने कहा कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था। उसकी बुरी नजर रानी पद्मावती पर थी, जिसके कारण उसने चित्तौड़ नष्ट कर दिया। मर्यादा के उल्लंघन की निंदा स्वाभाविक बताते हुए उन्होंने फिल्म की प्री-स्क्रीनिंग की मांग कर डाली है, जिससे रिलीज से पहले विवाद हल हो सके।
उमा भारती ने खत में सवाल उठाया है कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन लोगों के मन में आशंकाओं का जन्म क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा है कि इन आशंकाओं का लुत्फ मत उठाइए और वोट बैंक भी मत बनाइए।
कोई रास्ता निकालकर बात समाप्त कर दें। उन्होंने ट्विटर पर सुझाव भी दिया है क्यों न रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार और आपत्ति करने वाला समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमेटी बनाए और वो इस पर रिलीज से पहले फैसला करे।
उन्होंने खत में उल्लेख किया है कि खिलजी के कारण राणा रतन सिंह सहित कई वीर शहीद हुए और रानी ने शहीद पत्नियों के साथ खुद को जीवित आग के हवाले कर जौहर किया।
उमा भारती ने लिखा कि इस दुखद अंत की बहुत वेदना होती है। उन्होंने लिखा है कि आज भी लड़कियों के चेहरों पर तेजाब फेंकने वाले उन्हें खिलजी के वंशज ही लगते हैं। उमा भारती ने कहा कि कुछ चीजें राजनीति से ऊपर होती हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज की भारतीय महिला हूं और इस नाते मुझे भूत, वर्तमान और भविष्य की हर भारतीय महिला के सम्मान का ख्याल रखना होगा।