सुपरहिट फिल्म शोले 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी. इसे 42 साल पूरे हो गए हैं. अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र और हेमा मालिनी की स्टारकास्ट से सजी इस फिल्म की ओर शुरू में दर्शकों और समीक्षकों ने कोई ध्यान नहीं दिया था.
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रमेश सिप्पी की इस फिल्म पर उसी समय रिलीज हुई फिल्म जय संतोषी मां भारी पड़ती दिख रही थी. लेकिन दो हफ्ते बाद फिल्म ने जो लोकप्रियता हासिल की, वह आगे जाकर ऐतिहासिक साबित हुई.
आज के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन उस समय इंडस्ट्री में इतने अपरिचित थे कि समीक्षकों ने अपने रिव्यू में उनके नाम का उल्लेख तक नहीं किया. एक पुराने अंग्रेजी न्यूजपेपर की कटिंग से यह बात साबित होती है. बॉलीवुडलाइफ की एक खबर के अनुसार, इसमें लिखे गए रिव्यू में रिव्यूअर ने एक बार भी अमिताभ बच्चन के नाम का जिक्र नहीं किया. उन्हें या तो धरम का को-किलर लिखा गया या धरम का दोस्त लिखा गया. जबकि फिल्मों में नए-नए आए अमजद खान का नाम लिखा गया. हालांकि, उनकी बेहतरीन अदाकारी का कोई जिक्र नहीं था. आज अमजद खान को विलेन की सबसे दमदार भूमिका निभाने वाले एक्टर के रूप में याद किया जाता है.
बता दें कि 1975 में अमिताभ बच्चन से ज्यादा स्टारडम धर्मेंद्र का था. हेमा मालिनी भी खासी लोकप्रिय थीं. यह भी दिलचस्प है कि पहले धर्मेंद्र को ठाकुर की भूमिका निभाने दी जा रही थी. लेकिन जब उन्हें पता चला कि संजीव कुमार हेमा मालिनी के अपोजिट वीरू की भूमिका निभाएंगे तो उन्होंने ठाकुर की भूमिका निभाने का इरादा बदल दिया और वीरू की भूमिका निभाई. शोले को 2013 में 3D में रिलीज किया गया था.
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