लॉस एंजिलिस। सोशल मीडिया (खासकर फेसबुक) का इस्तेमाल करने वाले 1.2 करोड़ प्रयोगकर्ताओं पर किए एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि फेसबुक का इस्तेमाल करना आपकी लंबी उम्र के लिए मददगार हो सकता है। हालांकि ऐसा तभी होगा जब यह आपकी वास्तविक दुनिया के सामाजिक संबंध को बनाए रखने तथा उसे बढ़ाने का काम करे।
इस शोध में एक तरह से उसी बात की पुष्टि हुई है, जिसके बारे में वैज्ञानिक जिसके बारे में लंबे अरसे से जानते थे। यानी जिन लोगों का मजबूत सामाजिक दायरा होता है, वे लंबी उम्र तक जीते हैं। हालांकि यह पहली बार पता चला है कि यही बात ऑनलाइन सामाजिक दायरा रखने वालों के लिए भी मायने रखती है।
अध्ययन करने वाली टीम के सदस्य और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के शोध छात्र विलियम हॉब्स ने कहा, ऑनलाइन होने वाली गतिविधि अगर ऑनलाइन से बाहर की दुनिया में होने वाली बातचीत की तरह ही संतुलित और संपूरक हो तो ऐसी बातचीत ठीक हो सकती है।
कम दिखा खतरा
इस वक्त नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टोरल के छात्र हॉब्स ने कहा, अगर इसका इस्तेमाल अत्यधिक किया जाए, मसलन कोई अगर लोगों से जुड़ने के नाममात्र के साक्ष्य के आधार पर ही अपना अधिक से अधिक समय ऑनलाइन बिताए तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यूसी सैन डिएगो में प्रोफेसर जेम्स फाउलर ने कहा, खुशी की बात यह है कि फेसबुक के अमूमन सभी प्रयोगकर्ता इसका संतुलित इस्तेमाल करते पाए गए और इससे खतरा भी कम दिखा। यह अध्ययन ‘पीएनएनएस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
इस तरह किया शोध, चौंकाने वाले रहे नतीजे
– शोध के दौरान 1945 से 1989 के बीच कैलिफोर्निया में जन्मे लोगों पर नजर रखी गई।
– छह माह तक उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी गई। उनकी गतिविधियों की तुलना ऐसे लोगों से की गई, जो मर चुके हैं।
– शोध के दौरान दोस्तों, फोटो, स्टेटस अपडेट्स, वाल पोस्ट, और संदेश भेजने की संख्या पर भी नजर रखी गई।
– कैलिफोर्निया के फेसबुक इस्तेमालकर्ताओं के रिकॉर्ड को स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड से भी मिलाया गया।
– शोधकर्ताओं के सामने पहला चौंकाने वाला यह तथ्य सामने आया कि फेसबुक इस्तेमालकर्ता इसका इस्तेमाल न करने वालों के मुकाबले अधिक जीते हैं।
– फेसबुक का इस्तेमाल न करने वाले लोगों के मुकाबले फेसबुक वाले लोगों के मरने की आशंका 12 फीसद कम थी।
– फेसबुक का इस्तेमाल 10 प्रतिशत से कम करने वालों के मुकाबले 50 से 30 प्रतिशत तक सोशल नेटवर्क इस्तेमाल करने वाले लोगों के लंबी उम्र जीने की संभावना थी।