कांग्रेस ने शनिवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक महीने में दूसरी बार पत्र लिखा। कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने पत्र लिखकर पूछा कि फेसबुक की भारतीय इकाई द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति पक्षपात दिखाने के मामले में क्या कार्रवाई की गई है? एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्षी पार्टी ने फेसबुक कर्मचारियों और सत्ताधारी लोगों के संपर्को की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराने की भी मांग की। इसके जवाब में भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी को कुछ सोशल मीडिया कंपनियों ने नहीं, बल्कि देश की जनता ने खारिज कर दिया है।
मालवीय ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को लगता है कि चुनावों में हार के लिए उनके अलावा हर कोई जिम्मेदार है। उन्हें जानना चाहिए कि लोगों का कांग्रेस या राहुल गांधी के नेतृत्व में कोई विश्वास नहीं है। हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि यह कांग्रेस थी, जिसने 2019 के चुनाव को प्रभावित करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका की मदद ली थी। वेणुगोपाल ने जुकरबर्ग को यह पत्र टाइम पत्रिका में एक लेख प्रकाशित होने पर लिखा है। इसके बारे में विपक्षी दल ने दावा किया है कि इससे फेसबुक इंडिया और भाजपा के संबंधों की और जानकारी मिलती है। इसके अलावा इससे फेसबुक के भाजपा के प्रति पक्षपात का भी पता चलता है।
वेणुगोपाल ने अपनी चिट्ठी में अपने 17 अगस्त के पहले पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था। टाइम पत्रिका की रिपोर्ट को टैग करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में दावा किया कि यह वाट्सएप-भाजपा की साठगांठ को उजागर करती है। उन्होंने कहा, 40 करोड़ भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा वाट्सएप चाहता है कि उसके उपयोग के बदले भुगतान किया जाना चाहिए। इसके लिए मोदी सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है। इस प्रकार भाजपा की वाट्सएप पर पकड़ है। लोकप्रिय मैसेजिंग एप वाट्सएप का स्वामित्व भी फेसबुक के पास है।