पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस के फॉर्म में ‘क्या आप वर्जिन हैं’ का सवाल पूछे जाने से बवाल मच गया है. लेकिन बिहार के हेल्थ मिनिस्टिर मंगल पांडे ने इसका बचाव किया है. मंगल पांडे का कहना है कि मैंने डिक्शनरी में देखा है कि वर्जिन का मतलब क्या होता है. मुझे इसमें कोई गलती नहीं दिखी है.
मंगल पांडे ने कहा कि हालांकि मैंने इस मुद्दे को इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल के सामने उठाया है, उनका कहना है कि हमनें इस प्रकार का वाक्य एम्स की तर्ज पर ही लिखा है. हालांकि विवाद के बाद इस फॉर्म में बदलाव किया गया है, वर्जिन शब्द को हटाकर वहां पर मैरिड ही लिखा गया है.

आपको बता दें कि पटना के सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने नए रिक्रूट होने वाले डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ से पूछा है कि क्या वे वर्जिन हैं या नहीं ? हॉस्पिटल ने पुरुष स्टाफ से कहा है कि वे बताएं कि उनकी एक से अधिक पत्नियां तो नहीं हैं.
इसके अलावा महिला स्टाफ को यह भी बताने को कहा गया है कि अगर वे शादीशुदा हैं, तो क्या उनके पति की और कोई पत्नी तो नहीं रह रही है? हॉस्पिटल के डिप्टी मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने कहा है कि ऐसा नियमों के तहत पूछा गया है. यह नियम इंस्टीटयूट के 1984 में बनने से ही लागू है.
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उन्होंने कहा कि सभी को यह फॉर्म भरना होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी गलत स्थिति से बचने के लिए यह फॉर्म भराया जाता है. मंडल के मुताबिक, सेंट्रल सर्विस रुल में ऐसा प्रावधान है कि अगर किसी महिला की मौत हो जाती है तो उसका ब्वॉयफ्रेंड उसकी जगह पर नौकरी के लिए क्लेम कर सकता है. इसी के लिए इस तरह की जानकारी मांगी जाती है.
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