प्रशांत महासागर में स्थित न्यू कैलेडोनिया में हिंसा भड़कने के बाद फ्रांस ने बुधवार को 12 दिनों के लिए आपातकाल लगा दिया है। फ्रांस के प्रधानमंत्री एटल ने पेरिस में संसद को बताया कि आपातकाल लगाने का लक्ष्य जितनी जल्दी हो सके कानून व्यवस्था बहाल करना है। फ्रांस के गृह मंत्रालय ने कहा कि आखिरी बार 1985 में ऐसे उपाय लागू किए थे। फ्रांस की सरकार ने हिंसा समाप्त करने का आह्वान किया है।
फ्रांस से आजादी की मांग कर रहे न्यू कैलेडोनिया में लोग
न्यू कैलेडोनिया में लोग फ्रांस से आजादी की मांग कर रहे हैं। फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि मतदान सुधारों के विरोध में सोमवार को हुई सशस्त्र झड़पों और अन्य हिंसा में अर्धसैनिक बल के एक कर्मी समेत चार लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हैं। दंगाइयों ने कारों को आग लगा दी है और दुकानों को लूट लिया। अब तक 130 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
सुरक्षा के लिए फ्रांसीसी सैन्य बलों को किया गया तैनात
फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल एटल ने न्यू कैलेडोनिया के समय के अनुसार गुरुवार सुबह पांच बजे आपातकाल की घोषणा की। कहा कि बंदरगाहों और हवाई अड्डों की सुरक्षा के लिए फ्रांसीसी सैन्य बलों को तैनात किया जा रहा है। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, 10 लोगों को घर में नजरबंद किया गया है। टिक टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारी संख्या में सैन्यकर्मियों को किया गया तैनात
गृह मंत्रालय ने कहा कि द्वीपसमूह पर 1,800 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल के कर्मी पहले से भी मौजूद हैं। कुछ ही घंटों में 500 अतिरिक्त कर्मियों के आने की उम्मीद है। क्षेत्र के शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी, उच्चायुक्त लुईस ले. फ्रैंक ने चेतावनी दी कि स्थिति बहुत गंभीर है। शांति बहाल नहीं की गई तो कई लोगों की मौत होने की आशंका है।
मतदान सुधारों का कर रहे विरोध
फ्रांस के गृहमंत्री आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जिन दर्जनों जगहों पर हमला किया गया और गोलीबारी की गई, उनमें एक पुलिस स्टेशन भी शामिल था। अर्धसैनिक बल के एक कर्मी की भी मौत हुई है। फ्रांसीसी सरकार का कहना है कि वह हमेशा बातचीत के लिए तैयार रही है। न्यू कैलेडोनिया में लोग मतदान सुधारों का विरोध कर रहे हैं। इस सप्ताह की अशांति तब भड़क उठी जब पेरिस में फ्रांस की संसद ने न्यू कैलेडोनिया में मतदाता सूचियों में बदलाव करने के लिए फ्रांसीसी संविधान में संशोधन पर बहस शुरू की।
नेशनल असेंबली ने बुधवार को विधेयक को मंजूरी दे दी, जो अन्य बदलावों के अलावा, न्यू कैलेडोनिया में 10 साल से रहने वाले निवासियों को प्रांतीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति देगा। लोगों को लगता है कि इससे स्थानीय लोगों को हाशिए पर धकेल दिया जाएगा।
- न्यू कैलेडोनिया 1853 में नेपोलियन के उत्तराधिकारी सम्राट नेपोलियन तृतीय के अधीन फ्रांस का क्षेत्र बना।
- 1957 में सभी स्थानीय लोगों को फ्रांसीसी नागरिकता दी गई, 1988 में शांति समझौता हुआ।
- फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया को स्वायत्तता देने और लगातार तीन जनमत संग्रह कराने का वादा किया
- 2018 से 2021 के बीच तीन जनमत संग्रह कराया गया। अधिकांश मतदाताओं ने फ्रांस का हिस्सा बने रहने का विकल्प चुना
- स्वतंत्रता-समर्थक स्थानीय लोगों ने 2021 में पिछले जनमत संग्रह के परिणामों को अस्वीकार कर दिया था।