कुछ समय पहले जियो यूजर डेटा बेस लीक होने की खबर आई थी. अब इस लीक से जुड़ी एक ऐसी जानकारी आई है जिसे जानकार आप हैरान हो जाएंगे. 35 वर्षीय साइंस स्टूडेंट इमरान चिप्पा ने फ्री रिचार्ज पाने के लिए जियो के डेटा बेस में सेंध लगाई थी. ये जानकारी पुलिस ने आज साझा की. PTI की खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते चिप्पा को रिलायंस जियो के डेटा बेस में सेंध लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि चिप्पा को एक चैट ऐप में एक फॉर्वर्ड मैसेज मिला. जो लोगों को फ्री रिचार्ज पाने का तरीका बता रहा था. जैसे ही चिप्पा ने दिए गए लिंक में क्लिक किया उसे एक ID और पासवर्ड मिला.
ये जानकारियां वो थी जो ग्राहकों के रिचार्ज करने के लिए जियो वेंडर्स को दिया जाता है. जिसे वेंडर्स खास तरीके से डिजाइन किए गए मोबाइल ऐप में डालते हैं. ये ID और पासवर्ड जो चिप्पा को मिला था वो रिपोर्ट्स के मुताबिक उड़ीसा से एक वेंडर का था. हालांकि चिप्पा को फ्री रिचार्ज नहीं मिल पाया जिसकी वह तलाश कर रहा था.
इस ऐप का एक्सेस मिलते ही शॉकिंग तरीके से चिप्पा को जियो यूजर्स की निजी जानकारियां मिलने लगी. ठीक यहीं से चिप्पा के मन में इस डेटा को कमर्शियल तरीके से उपयोग करने का ख्याल आया. MCA का एग्जाम दिला चुके और जॉब की तलाश कर रहे चिप्पा ने अपने कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग स्किल का इस्तेमाल कर ट्रूकॉलर से मिलते जुलते ऐप का निर्माण करना शुरू कर दिया. साथ ही इसका वेब होस्ट करना भी शुरू कर दिया.
इस कोशिश में चिप्पा ने magicapk.com नाम की वेबसाइट बना डाली, जिसे अंधेरी बेस्ड कंपनी इंड्यूरेंस इंटरनेशनल ग्रुप होस्ट कर रही थी. पुलिस के मुताबिक, चिप्पा अपने वेबसाइट के जरिए जियो यूजर्स का डेटा मुहैया कराने का दावा करता था.
जियो के अधिकारियों को जब 9 जुलाई को इस लीक की जानकारी हुई उसके बाद अधिकारियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद जैसे ही घटना मीडिया में पुलिस ने शक के आधार पर चिप्पा को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया था.