अभिभावक के अधिकार को लेकर निचली अदालत में चल रहे एक मामले में सुनवाई की समयसीमा में बदलाव की मांग को लेकर महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। महिला ने याचिका में दलील दी कि बच्चे की पढ़ाई की खातिर समयसीमा में बदलाव किया जाए। महिला ने कहा कि जिस समय कंप्यूटर या मोबाइल से वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालती सुनवाई होती है उसी समय बच्चे का स्कूल भी चल रहा होता है। महिला ने कहा कि उनके पास इतना रुपया नहीं है कि वह दूसरी व्यवस्था करें, इसलिए परिवारिक अदालत से दोपहर के भोजन के बाद की सुनवाई करने का निर्देश दिया जाए।
महिला की याचिका पर न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने महिला के आग्रह को स्वीकार कर निचली अदालत को निर्देश दिया कि महिला के आग्रह के अनुसार वह सुनवाई के समय में बदलाव करने की कोशिश करें। पीठ ने निचली अदालत को कहा कि इस हिसाब से सुनवाई की समयसीमा तय की जाए कि बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो।
पति ने बच्चे के अभिभावक का अधिकार दिए जाने का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान उसकी पत्नी ने कहा कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई में पेश होने को तैयार है लेकिन उस समय में उसके बच्चे की कक्षा चलती है, ऐसे में सुनवाई की समयसीमा में बदलाव किया जाए।