कांग्रेस ने जारी की UP चुनाव के प्रत्याशियों की 41 नामों वाली पहली लिस्ट….!
यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए तमाम विपक्षी पार्टियां बजट की तारीख को आगे बढ़ाने की वकालत कर रही थीं। इन पार्टियों की दलील है कि केंद्र की बीजेपी सरकार बजट में लोकलुभावन घोषणाएं कर वोटरों को प्रभावित कर सकती है। विपक्षी पार्टियां इस बाबत पहले चुनाव आयोग और फिर राष्ट्रपति से भी मिली थीं। आखिर में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बजट की तारीख आगे बढ़ाने की गुहार की गई, लेकिन शीर्ष अदालत ने फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया है।
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित होने के बाद 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को लेकर मचे सियासी कोहराम के बीच आज विपक्ष ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। विपक्ष ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि आम बजट 8 मार्च को पांचों राज्यों में विधानसा चुनाव संपन्न होने के बाद पेश हो।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि, ‘चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार वोटरों को रिझाने के लिए लोक-लुभावन बजट ला सकती है। निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह जरुरी है कि सरकार को तय वक्त से पहले बजट लाने से पहले रोका जाए।’
इससे पहले कांग्रेस समेत कई दल चुनाव से ठीक पहले आम बजट पेश करने पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति भवन का दरवाजा खटखटा चुके थे। चुनाव आयोग से मिलने वाली विपक्षी पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस, बसपा, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस शामिल थीं। हालांकि इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने विपक्ष की आम बजट की तारीख टालने संबंधी मांग पर विचार विमर्श के बाद फैसला लेने की बात कही थी।