कल गुरुवार कप पेश होने वाले बजट पर सभी नजरें गड़ाए बैठे हैं कि इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली के पिटारे से क्या – क्या निकलता है .लेकिन कार्पोरेट सेक्टर को ज्यादा उत्सुकता नहीं है , क्योंकि उन्हें ज्यादा राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
सबको पता है कि सरकार देश की वर्तमान आर्थिक आैर राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए अपना पिटारा खाेलती है.इसलिए इस बार बजट में कॉर्पोरेट सेक्टर को बड़ी राहत मिलने की संभावना कम लग रही है.कॉर्पोरेट टैक्स में 5 फीसदी की बजाय 2 से 3 फीसदी की कटौती की उम्मीद कर रहा है.जबकि दूसरी आेर बजट में सरकार द्वारा निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए इनवेस्टमेंट अलाउंस की घोषणा से इंकार नहीं किया जा सकता है.
आपको जानकारी दे दें कि 2013 में इनवेस्टमेंट अलाउंस की व्यवस्था शुरू की गई थी . तब 100 करोड़ रुपये के निवेश पर 15 फीसदी तक टैक्स छूट का प्रावधान था , लेकिन मार्च 2017 में यह योजना बंद कर दी गई. लेकिन इन्वेस्टमेंट अलाउंस पर एक बार फिर वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने चर्चा की थी. उधर वाणिज्य मंत्रालय भी सहमत है. ऐसे में यह संभावना नज़र आ रही है कि इस साल के बजट में इसकी घोषणा कर दी जाए.
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