शाम करीब 6:44 बजे छोटे भाई के मोबाइल पर एक अनजान शख्स का फोन आया। फोन करने वाले ने बताया इंद्र बहादुर अर्मापुर थाने के ठीक पीछे लहूलुहान हालत में पड़ा है। इसकी सूचना पाकर वह फौरन मौके पर पहुंचा, तो इंद्रबहादुर दर्द से कराह रहा था। यूपी-100 पुलिस भी मौजूद थी।
घटनास्थल से कुछ दूर पर इंद्र बहादुर की बोलेरो भी खड़ी थी। फौरन उनको हैलट ले गया, फिर वहां से रीजेंसी अस्पताल ले गया। वहां उनकी मौत हो गई। इंद्र बहादुर के भाईंयाें ने अस्पताल जाते समय एक वीडियाे बनाया जिसमें उसने कुछ लाेगाें पर हत्या का आरोप लगाया है।
वीर बहादुर ने बताया कि शारदा नगर निवासी दोस्त विनय झा ने इंद्र बहादुर से दो साल पहले पांच लाख रुपये उधार लिए थे। अब विनय रुपया नहीं लौटा रहा था। इसी बात को लेकर इंद्र बहादुर और विनय में कई बार झगड़ा हुआ था। वीर बहादुर का आरोप है कि विनय झा उसकी पत्नी पूनम और उसके परिवार के विनोद और अनूप ने बहाने से इंद्र बहादुर को थाने के पीछे बुलाया। फिर सभी आरोपियों ने मिलकर उसकी चापड़ और चाकू से हत्या कर दी।
थानाध्यक्ष ने बताया कि इंद्र बहादुर के परिजनों की तहरीर के आधार हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार इंद्र बहादुर हत्या के प्रयास के मामले में जेल गया था। वह अक्तूबर में जेल से छूटा था। इंद्रजीत के परिजनों ने पांच लाख रुपये के लेनदेन के विवाद में एक दंपति और उसके परिवार के दो अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है
हत्यारोपी विनय झा पर एक साल पहले गोली मारकर जानलेवा हमला हुआ था। कल्याणपुर थाने में विनय ने इंद्र बहादुर के खिलाफ हत्या का प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी इंद्र बहादुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
10 महीने बाद अक्टूबर में दिवाली के करीब इंद्र बहादुर जेल से छूटा था। इसके बाद उसने खुद की हत्या की आशंका जताते हुए एसएसपी को अर्जी दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। एक बार रावतपुर पुलिस चौकी के दो सिपाही उसके घर पड़ताल करने गए थे।
वीर बहादुर का कहना है कि अगर पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई और इंद्र बहादुर को सुरक्षा मुहैया करा देती, तो उसकी जान बच सकती थी। विनय होजरी के कपड़ों का काम करता है। पिछले साल छपेड़ा पुलिया के पास विनय को गोली मार दी गई थी। शहर के एक बड़े होजरी कारोबारी पर भी साजिश का आरोप विनय ने लगाया था।