गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज ने बाल आयोग को जवाब भेजा है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है। डॉक्टरों ने कोई लापरवाही नहीं की है।
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11 अगस्त को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी। सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीण फाइटर ने इसकी शिकायत 16 अगस्त को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी। बाल आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए 21 सितंबर को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण प्रशांत द्विवेदी को जांच कर आख्या देने को कहा था।
दस दिन में जांच आख्या न देने पर बाल आयोग ने नाराजगी जताई थी। बीआरडी कालेज गोरखपुर के प्रधानाचार्य पीके सिंह ने बाल रोग विभागाध्यक्ष महिमा मित्तल के हवाले से अब आख्या भेजी है। इसमें कहा गया है कि आक्सीजन की कमी से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। डॉक्टरों ने भी किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती है। बाल आयोग ने आख्या की एक कॉपी अधिवक्ता को भेजी है।