नई दिल्ली: मोदी की केन्द्र सरकार अब रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। रेरा और जीएसटी के लागू होने के बाद अब केन्द्र सरकार रियल स्टेट के लिए एक नया नियम सोच रही है। इसके चलते प्रॉपर्टी के बढ़ते अनाप.शनाप प्राइस पर पूरी तरह से रोक लगाने जा रहा है।
नया नियम जो कि जल्द ही लागू हो सकता है उसके मुताबिक बिल्डर्स को अब अपनी उन प्रॉपर्टी पूरी तरह से तैयार फ्लैट, विला का भी हिसाब-किताब देना होगा जो बिकी नहीं है। इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी पर टैक्स भी देना होगा। अभी अनसोल्ड प्रॉपर्टी पर बिल्डर्स को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होता है।
वो इन्हें स्टॉक इन ट्रेड दिखाते हैं। इनके बिकने पर यह प्रॉपर्टी बेचने पर हुई इनकम या फिर बिजनेस इनकम दिखाते हैं। इनकम टैक्स मंत्रालय ने हाल ही वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वो ऐसा टैक्स लगा सकते हैं। इसकी घोषणा सरकार बजट में या फिर उससे पहले भी कर सकती है। अगर यह नियम लागू होता है तो फिर बिल्डर्स को अपनी प्रॉपर्टी को कम प्राइस पर बेचना होगा।
इस साल जून तक ऐसी प्रॉपर्टी की संख्या 7.60 लाख थी। इससे पहले मार्च में यह करीब 7.34 लाख फ्लैट थे जिनको तमाम बिल्डर्स ने स्टॉक इन ट्रेड कैटेगिरी में डाल रखा था। ज्यादातर बिल्डर्स अपने तैयार फ्लैट में कुछ हिस्से को बचाकर रखते हैं जिससे भविष्य में प्राइस ज्यादा होने पर इनको बेचा जा सके।
इस प्रॉफिट पर किसी प्रकार का कोई टैक्स बिल्डर्स नहीं देते हैं। केंद्र सरकार बेनामी संपत्ति पर लगाम लगाने के लिए प्रॉपर्टी खरीदने पर आधार नंबर को जरूरी करने जा रही है। बैंक अकाउंट, पैन कार्ड और पासपोर्ट को आधार से लिंक करने के बाद अब मकान, दुकान को खरीदने या बेचने पर ऐसा करना होगा।