सोलोमन द्वीपसमूह के तटीय क्षेत्र में तीव्र रफ्तार वाला भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है। सोलोमन द्वीपसमूह, पापुआ न्यू गिनी के पूर्व में मेलानेसिया में करीब एक हजार द्वीपों वाला एक देश है। तकरीबन 28,400 वर्ग किलोमीटर (10,965 वर्ग मील) में फैले इस देश की राजधानी गुआडलकैनाल द्वीप पर स्थित होनिअरा है। पहले दी गई सुनामी की चेतावनी को वापस ले लिया गया है।
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पहले दी गई गई चेतावनी के मुताबिक इससे सोलोमन आईलैंड, वानुआतु, पापुआ न्यू गिनी, नौअरू, न्यू कैलिडोनिया, तुवालु और कोसरे के इलाके इससे प्रभावित होने की बात कही गई थी। पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है। भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
भूकंप का रिकॉर्ड एक सीस्मोमीटर के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है या संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।
भूकंप से जान, माल की हानि, मूलभूत आवश्यकताओं की कमी, रोग आदि होता है। इमारतों व बांध, पुल, नाभिकीय ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचता है। भूस्खलन व हिम स्खलन होता है, जो पहाड़ी व पर्वतीय इलाकों में क्षति का कारण हो सकता है। विद्युत लाइन के टूट जाने से आग लग सकती है। समुद्र के भीतर भूकंप से सुनामी आ सकता है। भूकंप से क्षतिग्रस्त बांध के कारण बाढ़ आ सकती है। समुद्री तूफान को जापानी भाषा में सुनामी कहते हैं। दरअसल ये बहुत लंबी और सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली लहरें होती हैं। लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है।जब ये तट के पास आती हैं, तो लहरों का निचला हिस्सा ज़मीन को छूने लगता है, इनकी गति कम हो जाती है और ऊंचाई बढ़ जाती है।
ऐसी स्थिति में जब ये तट से टक्कराती हैं तो लहरों की गति 420 किलोमीटर प्रति घण्टा तक और ऊंचाई 10 से 18 मीटर तक हो जाती है। अक्सर समुद्री भूकंपों की वजह से ये तूफ़ान पैदा होते हैं। प्रशान्त महासागर में बहुत आम हैं, पर बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर में नहीं। इसीलिए शायद भारतीय भाषाओं में इनके लिए विशिष्ट नाम नहीं है।
सुनामी लहरें समुद्री तट पर भीषण तरीके से हमला करती हैं और जान-माल का बुरी तरह नुक़सान कर सकती है। इनकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। जिस तरह वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्य वाणी नहीं कर सकते वैसे ही सूनामी के बारे में भी अंदाज़ा नहीं लगा सकते। लेकिन सूनामी के अब तक के रिकॉर्ड को देखकर और महाद्वीपों की स्थिति को देखकर वैज्ञानिक कुछ अंदाज़ा लगा सकते हैं। धरती की जो प्लेट्स या परतें जहां-जहां मिलती है वहां के आसपास के समुद्र में सुनामी का खतरा ज्यादा होता है। जैसे आस्ट्रेलियाई परत और यूरेशियाई परत जहा मिलती हैं वहां स्थित हैं। सुमात्रा जो कि दूसरी तरफ फिलीपीन परत से जुड़ा हुआ है। सुनामी लहरों का कहर वहा भयंकर रूप में नजर आता है।
हिन्द महासागर (26 दिसमबर, 2004) – 9.3 तीव्रता के भूकंप के चलते हिन्द महासागर का सीना सुनामी से दहल गया। सुमात्रा इस भूकंप का केन्द्र था। 30 मीटर तक ऊंची उठी लहरों ने विनाश का ऐसा तांडव मचाया कि, मानवता कांप उठी। इस सुनामी के कारण 14 देश प्रभावित हुए। सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में भारत, इण्डोनेशिया, श्रीलंका और थाइलैंड आदि प्रमुख थे और इसमें मरने वालों की संख्या क़रीब ढाई लाख थी। इंडोनेशिया (2006) – इण्डोनेशिया के जावा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता की भूकंप जनित सुनामी की वजह से 654 लोग मारे गए थे। सोलोमन प्रायद्वीप (2007) – पश्चिमी सोलोमन प्रायद्वीप में 8.0 तीव्रता के भूकंप से सुनामी पैदा हो गई। जिसकी चपेट में आकर 52 लोग मारे गए थे। समोआ (2009) – सओआ में रिक्टर पैमाने पर 8.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी के कारण 190 लोग मारे गए थे। चिली (2010) – चिली में 8.8 तीव्रता के भूकंप से उपजी सुनामी के कारण क़रीब 600 लोग मारे गए थे। इंडोनेशिया (2010) – सुप्रामा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता के भूकंप और सुनामी की वजह से 112 लोग मारे गए और 500 लोग लापता हो गए।