नई दिल्ली : 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को एक बार फिर एनडीए गठबंधन मोदी के नेतृत्व में लड़ेगा। यह एनडीए की बैठक में हुई। केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्वए सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की जमकर सराहना की है।
खास बात यह रही कि बैठक के भीतर लोजपा नेता रामविलास पासवान ने मोदी के नेतृत्व को एक ब्रांड के रूप में पेश किया जिसे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, तेलुगुदेश नेता चंद्रबाबू नायडू समेत सभी नेताओं ने समर्थन दिया। साथ ही 2019 का लोकसभा चुनाव भी मोदी के नेतृत्व में लडऩे का फैसला किया गया। बैठक के दौरान ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से अलग से चर्चा भी हुई है। बैठक में राष्ट्रपति के चुनावों को लेकर सीधी चर्चा तो नहीं हुईए लेकिन चंद्रबाबू ने साफ किया कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है समय आने पर उम्मीदवार तय करेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रष्ट्रपति चुनाव में एनडीए एकजुट रहेगा। सूत्रों के अनुसार बैठक का उद्देश्य राष्ट्रपति चुनावों के पहले माहौल बनाना व एनडीए को एकजुट रखना थाए जिसमें सीधे चर्चा किए बगैर भाजपा सफल रही है। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था जबकि राजग ने देश भर के अपने सभी बड़े छोटे 33 घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इसमें लगभग हर राज्य का प्रतिनिधित्व था। बड़े नेताओं में महबूबा मुफ्ती को छोड़कर अन्य सभी बैठक में मौजूद रहे। मुफ्ती राज्य में हुए बम धमाके से उत्पन्न स्थिति के कारण नहीं आ सकी।
मोदी सरकार के दौरान इसके पहले सिर्फ एक बार ही एनडीए के नेताओं के साथ बैठक हुई थी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद न केवल एनडीए में दलों की संख्या बढ़ रही है बल्कि मोदी की लोकप्रियता, स्वीकृति और समर्थन लगातार बढ़ा है। हाल के यूपी चुनावों में मिली सफलता का जिक्र करते हुए एनडीए ने स्पष्ट किया है कि मोदी की लोकप्रियता बरकरार है।