लखनऊ: मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी कहे जाने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति एक बार फिर चर्चा में आ गये हैं। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण के एक मामले में गायत्री के खिलाफ यूपी पुलिस को फौरन एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है और 8 हफ्ते में मामले की रिपोर्ट मांगी है।

ेमंत्री गायत्री के खिलाफ चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने दुराचार करने का गंभीर आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि मंत्री ने उसको पार्टी में बड़ा पद देने का आश्वासन दिया था और इसी के नाम पर उन्होंने उसका दो साल तक शोषण किया था। महिला का तो यह भी आरोप है कि मंत्री ने उसकी बेटी के साथ भी गलत काम किया। पीडि़ता का कहना है कि वह कई बार यूपी पुलिस से इस बारे में शिकायत कर चुकी थी पर पुलिस ने मंत्री से जुड़े मामला होने की वजह उसकी एफआईआर तक दर्ज नहीं।
आपको बताते चले कि सितंबर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे गायत्री प्रजापति को बर्खास्त कर दिया था। सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद भी अमेठी-रायबरेली की 10 सीटों को लेकर पेंच फंंसा था। दोनों ही जिलों में सबसे बड़ा पेंच अमेठी सीट पर था। . दरअसल इस सीट से सपा ने गायत्री प्रजापति को उतारा जिन्होंने अपना नॉमिनेशन फाइल कर दिया था। वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह भी इसी सीट से लडऩा चाहती थीं। हालांकि बाद में ये तय हुआ कि इस सीट पर फ्रेंडली फाइट होगी और सपा से गायत्री तो कांग्रेस से अमिता सिंह भी चुनाव लड़ेंगी।
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