स्टेडियम रोड स्थित साईं अस्पताल की दूसरी मंजिल पर बने इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रविवार रात करीब 2:45 बजे आग लगने से दो महिला मरीजों की मौत हो गई। आग लगने के बाद तीमारदारों ने शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला, लेकिन धुएं से दम घुटने के कारण दो महिला मरीज की मौत हो गई। तीसरे मरीज को बचा लिया गया। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है। इस मामले में बारादरी थाने में अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
प्रभारी डीएम ने एडीएम फाइनेंस और सीएमओ को तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। आईसीयू में मूसाझाग (बदायूं) के गांव मोहम्मदनगर सुलरा निवासी दिव्यजेंद्र द्विवेदी की पत्नी राजबाला, बदायूं के ही सिविल लाइंस के मूलचंद की पत्नी मंगला देवी और बरेली के रामपुर गार्डन निवासी एसआर अग्रवाल भर्ती थे। रविवार रात रोगियों के परिजन आईसीयू के बाहर लॉबी में मौजूद थे। रात करीब 2:45 बजे तीमारदारों को आईसीयू के अंदर धुआं उठता दिखा। उन्होंने शोर मचाया तो अस्पताल में भगदड़ मच गई। राजबाला के बेटे मोहित ने बताया कि आईसीयू में आग लगी देखकर अस्पताल स्टाफ मौके से भाग गया। तीमारदारों ने आईसीयू गेट और रोशनदान के शीशे तोड़ दिए, ताकि धुआं बाहर निकल सके।
इसके बाद मरीजों को खींचकर बाहर निकाला गया। तब तक राजबाला और मंगलादेवी की दम घुटने से मौत हो चुकी थी, जबकि एसआर अग्रवाल की हालत खराब थी। परिवार वाले उन्हें इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले गए। तीमारदारों के मुताबिक आईसीयू में जब लपटें उठने लगीं तो उन्होंने इमरजेंसी वार्ड से आग बुझाने के उपकरण लाकर उनका प्रयोग करना चाहा लेकिन किसी उपकरण ने काम नहीं किया। अस्पताल की पाइप लाइन में पानी नहीं था। तीमारदारों के मुताबिक दमकल गाड़ियां भी सूचना के करीब सवा घंटा बाद पहुंचीं। तीन गाड़ियों को आग पर काबू पाने में करीब 45 मिनट लगे। भगदड़ के दौरान कई मरीज और तीमारदार गिरकर घायल भी हो गए। मंगलादेवी के परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार
एसपी सिटी रोहित सिंह ने बताया कि बदायूं की दोनों महिला मरीजों का पंचनामा भरा गया, लेकिन सिविल लाइंस निवासी मंगला देवी के परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। वे शव को लेकर बदायूं चले गए। पुलिस ने राजबाला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। राजबाला के बेटे मोहित ने ही अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।