दावोस: विश्व आर्थिक मंच यानि डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक में वैश्विक नेता जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दुनिया के साथ तालमेल बनाने के बारे में उनके विचार सुनना चाहते हैं। वहीं भारतीय उद्योग जगत के सीईओ ने सोमवार को यहां कहा कि अमेरिका जैसे देशों के संरक्षणवादी रवैए का मुकाबला करने के लिए उन्हें देश के राजनयिक की भूमिका में होना चाहिए।
प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने कहा कि भारत को सेल्स और मार्केटिंग के बीच के बारीक भेद को समझना चाहिए और खुद को राजनयिक की भूमिका में स्थापित करते हुए उसी के अनुरूप भारतीय पक्ष को प्रस्तुत करना चाहिए। स्पाइसजेट के सीईओ अजय सिंह ने कहा कि भारत के पास दावोस में बताने के लिए काफी कुछ है और इसे बताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से बेहतर और कोई नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि पिछले साल की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शामिल होने के बाद चीन पर काफी फोकस देखा गया था। स्वाभाविक है कि इस बार भारत पर फोकस होगा। प्रधानमंत्री मोदी यहां विश्व आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र में मुख्य भाषण देने वाले हैं।
सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा था कि दावोस में वह वैश्विक समुदाय के साथ भारत के भावी तालमेल पर अपने विचार देंगे और वैश्विक प्रणालियों के सामने मौजूद चुनौतियों पर वैश्विक नेताओं का ध्यान खींचेंगे।
प्रमुख बैंकर चंदा कोचर ने यहां कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में चौमुखी विकास हो रहा है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देश की विकास दर सात फीसदी रहने की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख ने कहा कि पूरे वित्त वर्ष के लिए भी देश की विकास दर 6.5 फीसदी से अधिक रहने की उम्मीद है।