जिला अस्पताल की ओपीडी में बुधवार को 1376 मरीज पहुंचे। वहीं, इमरजेंसी में 24 घंटे में 164 मरीज पहुंचे। इसमें चिकित्सको ने गंभीर हालत देखकर 104 मरीजों को भर्ती कर लिया। लेकिन तीन मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार तीनों की मौत डायरिया से हुई है।
जलालपुर निवासी शांति देवी (80) को मंगलवार रात में कई बार उल्टी-दस्त हुई। परिजन इलाज के लिए बुधवार की सुबह इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर मौत हो गई। वहीं, भागमनी देवी (85) निवासी चितबड़गांव को भी डायरिया की शिकायत पर रात में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी भी मौत हो गई। फुलझरिया देवी (80) को डायरिया की शिकायत पर इमरजेंसी वार्ड में परिजनों ने भर्ती कराया था। देर रात हालत बिगड़ने के बाद चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
तापमान में लगातार इजाफा होने से जन जीवन बेहाल है। सरकारी व निजी अस्पतालों में उल्टी-दस्त, सिर में दर्द, घबराहट के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इमरजेंसी में बेड फुल हो गए हैं। इमरजेंसी प्रभारी डॉ. आरडी राम ने बताया कि अधिक गर्मी से डायरिया और दूषित खानपान से पेट के रोगी बढ़े हैं।
इमरजेंसी में रोजाना 100 से ऊपर मरीज में 40 फीसदी उल्टी-दस्त, बुखार, सांस लेने में परेशानी घबराहट, पसीना अधिक आने और शरीर में पानी की कमी की दिक्कत मिल रही है। कई मरीजों का रक्तचाप ही बढ़ने की शिकायत आ रही हैं। फिजिशियन डॉक्टर रितेश सोनी ने बताया कि गर्मी बढ़ने से बुजुर्ग व गंभीर मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है। धूप और गर्मी में कार्य करने वाले सुबह शाम काम करे और पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
डीएम के निरीक्षण को लेकर व्यवस्था दिखी चुस्त
जिला अस्पताल की दुर्व्यवस्था की लगातार आ रही शिकायत व बढ़ते तापमान को देखते हुए डीएम मंगला प्रसाद सिंह के निरीक्षण को लेकर सुबह में अस्पताल की व्यवस्था चुस्त दिखी। इमरजेंसी व मेडिकल वार्ड में सीएमएस डॉ. एसके यादव खुद चक्रमण कर बेडों की चादर बदलवाते व सफाई करवाते दिखे। ओपीडी में समय से चिकित्सक बैठ गए थे। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज को लेकर चिकित्सक व फार्मासिस्ट तत्पर दिखे