उत्तर प्रदेश तथा देश की राजनीति को हिला देने वाले बलिया के दुर्जनपुर गांव के हत्याकांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह को सोमवार को जेल भेजा गया है। धीरेंद्र को सोमवार सुबह पुलिस ने सीजेएम न्यायालय में पेश किया। जहां पर सुनवाई के बाद जेल भेजा गया है। धीरेंद्र को रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ से गिरफ्तार किया था। उधर देर रात धीरेंद्र के मकान की ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया का बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कड़ा विरोध किया, जिसके कारण जेसीबी लेकर ध्वस्तीकरण दस्ता लौट गया।
बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को आज कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। न्यायिक हिरासत के बाद पुलिस उसे रिमांड पर ले सकती है। धीरेंद्र प्रताप सिंह को बलिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बीच आरोपित के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है।
धीरेंद्र प्रताप सिंह के मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को बलिया जिला जज की कोर्ट में अंदर के बाहर ही बाहर भी पुलिस का कड़ा पहरा था। सदर कोतवाल विपिन सिंह 10.30 बजे धीरेंद्र को कोतवाली से लेकर सीधे न्यायालय पहुंचे। सीजेएम रमेश कुमार कुशवाहा ने सुनवाई के बाद आरोपित को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान काफी संख्या में लोग व अधिवक्ता मौजूद थे।
इससे पहले रविवार को लखनऊ में एसटीएफ की टीम ने धीरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार किया और रात में बलिया पहुंची थी। इस मामले में पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत आठ व 25 अज्ञात पर मुकदमा किया है। डीआइजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने आरोपितों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। सभी आरोपितों पर गैंगस्टर व रासुका के तहत कार्रवाई करने का निर्देश है।
धीरेंद्र प्रताप सिंह के मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को बलिया जिला जज की कोर्ट में अंदर के बाहर ही बाहर भी पुलिस का कड़ा पहरा था। सदर कोतवाल विपिन सिंह 10.30 बजे धीरेंद्र को कोतवाली से लेकर सीधे न्यायालय पहुंचे। सीजेएम रमेश कुमार कुशवाहा ने सुनवाई के बाद धीरेंद्र प्रताप सिंह को14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान काफी संख्या में लोग व अधिवक्ता मौजूद थे।
इससे पहले रविवार को लखनऊ में एसटीएफ की टीम ने धीरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार किया और रात में बलिया पहुंची थी। इस मामले में पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत आठ व 25 अज्ञात पर मुकदमा किया है। डीआइजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने आरोपितों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। सभी आरोपितों पर गैंगस्टर व रासुका के तहत कार्रवाई करने का निर्देश है।
इससे पहले धीरेंद्र प्रताप सिंह को बलिया में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रमेश कुशवाहा की कोर्ट में पेश किया गया है। फायरिंग प्रकरण में कोर्ट में सुनवाई हो गई। धीरेंद्र प्रताप सिंह को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में लाया गया । धीरेंद्र प्रताप सिंह का पुलिस लाइन में मेडिकल कराया गया। जहां से कोतवाली में पेश करने के बाद उसको पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में लेकर कोर्ट पहुंची। पुलिस लाइन में मेडिकल के बाद फिर उसको थाना कोतवाली की हवालात में लाया गया।
इससे पहले लखनऊ में रविवार को गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ धीरेंद्र प्रताप को सड़क मार्ग से सुरक्षा के बीच कोतवाली पहुंची। पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद दुबे व पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ की मौजूदगी में धीरेंद्र को हवालात में बंद किया गया। आज धीरेंद्र की कोर्ट में पेशी होगी। कल धीरेंद्र के आगमन के दौरान पूरा कोतवाली परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। धीरेंद्र के बलिया आने की सूचना न्यूज चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से काफी लोगों को मिल चुकी थी। इसी कारण कोतवाली में काफी संख्या में लोग पहुंच गए थे।
सुरक्षा में लगे 11 इंस्पेक्टर व 300 जवान
बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव 15 अक्टूबर को गोलीबारी की घटना के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस काफी मुस्तैद है। कोतवाली के हवालात में बंद रखने तथा सोमवार को कोर्ट में पेशी के मद्देनजर 11 इंस्पेक्टर, 60 दीवान, दो सौ सिपाही व 40 महिला कॉन्स्टेबल को लगाया गया है। आज कोतवाली से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। पुलिस दुर्जनपुर के मामले में अब तक आठ नामजद आरोपितों में से पांच को तथा 25 अज्ञात आरोपितों में पांच को गिरफ्तार करने में सफल रही है। पुलिस ने अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घटना के दौरान घायल होकर अस्पताल में भर्ती धर्मेन्द्र सिंह व अजय सिंह को भी आरोपित बनाते हुए जिला अस्पताल में ही कस्टडी में ले लिया।
घर गिराने जा रही जेसीबी को विधायक ने लौटाया
बैरिया में दुर्जनपुर कांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह ‘डब्लू’ का मकान गिराने के पुलिस के निर्णय पर विधायक सुरेंद्र सिंह ने पानी फेर दिया। विधायक के वहां पर कड़े विरोध के चलते रात प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा। शनिवार देर रात पुलिस बैरिया से जेसीबी लेकर दुर्जनपुर के लिए रवाना हुई थी। इसी बीच किसी ने विधायक सुरेंद्र सिंह को इसकी सूचना दे दी। इस पर विधायक अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ दुर्जनपुर के लिए निकल पड़े। सुरेमनपुर के पास पुलिस के साथ उन्हें जेसीबी मिल गई। उन्होंने समर्थकों के साथ जेसीबी को सुरेमनपुर पुलिस चौकी के पास घेर लिया और मौके से ही पुलिस अधिकारियों से मोबाइल पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता का घर गिराने से पहले जेसीबी को मेरे ऊपर से गुजरना पड़ेगा। काफी देर तक बहस होती रही। अंतत: पुलिस के अधिकारियों के निर्देश पर जेसीबी बैरिया वापस लौट गई।