देशभर में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर का 64वां परिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर बसपा प्रमुख मायावती बीएसपी कार्यालय पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रदेशभर के कार्यकर्ता और प्रभारी भी इस मौजूद। एक्स पर उन्होंने तीन भागों में भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को सम्मान देते हुए लिखा ।
मायावती ने पहले भाग में अंबेडकर को लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा बताया। उन्होंने कहा देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूंं।
स्थिति अति-दुःखद है
आगे उन्होंने कहा, देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है।
देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।