बीते दिन भी उन्होंने 100 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।गौरतलब है कि पिछले दिनों ही मायावती ने 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए घोषित किए जाने वाले प्रत्याशियों की जातिवार संख्या का खुलासा कर दिया था।
जातिवादी पार्टी होने के आरोपों से इनकार करते हुए मायावती ने दावा किया कि बसपा सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के सिद्धांत पर काम करती है।
बसपा पर विरोधी जातिवादी पार्टी होने का आरोप इसलिए लगाते हैं ताकि दलित छोड़कर अन्य वर्ग के लोग उससे न जुड़ सकें। बसपा ने सरकार और संगठन, सभी स्तर पर सभी वर्गों को मौका दिया। बसपा अपर कास्ट समाज को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पैरवी करती रही है। जो प्रत्याशी तय किए हैं, उनका जातिवार ब्यौरा सामने आने से विरोधियों के आरोप बेमानी साबित हो जाएंगे।
पार्टी ने 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति से 87 प्रत्याशी उतारने का फैसला किया।
सूची में पहले और दूसरे चरण में मतदान वाले 20 जिलों सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मथुरा, आगरा, फीरोजाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल और रामपुर की 100 सीटें शामिल हैं। इनमें सिर्फ 25 नए चेहरे हैं। 75 प्रत्याशी या तो पहले चुनाव लड़ चुके हैं अथवा मौजूदा या पूर्व विधायक हैं।