नई दिल्ली – देश में हर साल फर्जी राशन कार्ड के जरिए सरकार को करोड़ो का चूना लगाया जा रहा है। इन फर्जी राशनकार्डस से सरकार पर काफी ज्यादा भार पड़ता है और सरकार को इन फर्जी राशन कार्ड पर करोड़ो रुपए कि सुविधाएं देनी पड़ती हैं। लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से करीब 2 करोड़ 33 लाख फर्जी राशन कार्ड को रद्द कर दिया हैं। जिससे देश के हो रहे अवैध खर्चे की भारी बचत हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि 66 लाख 33 हज़ार 961 अवैध फर्जी राशन कार्ड जो किसी अन्य राज्य कि तुलना में सबसे अधिक है, ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में पकडे गए हैं। ये राशन कार्ड अपने देश के नागरिकों के नहीं बल्कि अवैध रूप से भारत में घुसे बंग्लादेशियों के हैं।
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आधार ने किया फर्जी राशन कार्ड धारकों का बंटाधार
इस मामले में, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं जिनकी संख्या 66 लाख 13 हजार 961 है, जबकि कर्नाटक में 65 लाख, मध्य प्रदेश में 1,09,436, उत्तर प्रदेश में 7,03,159, महाराष्ट्र में 21,62,391, राजस्थान में 13,23,406, ओडिशा में 7,61,460, छत्तीसगढ़ में 10,10,860, तेलंगाना में 19,39,481, पंजाब 1,01,249 और त्रिपुरा में 1,64,225 फर्जी राशन कार्ड के बारे में जानकारी मिली है। मोदी सरकार द्वारा राशन कार्ड को आधार से जोड़ने कि योजना लागू करने के बाद ही फर्जी राशन कार्ड के बारे में पता चला था।
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फर्जी राशन कार्डो को रद्द कर सरकार ने बचाए 14 हजार करोड़
मोदी सरकार द्वारा लागू किए गये खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सस्ता अनाज बांटने की राशन प्रणाली को आधार नंबर से जोड़ने के बाद फर्जी पाएं गये राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया, जिससे सरकार को सीधे 14 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी की बचत हुई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस संबंध में पूरे प्रयास किए जा रहे हैं, फर्जी राशन कार्ड को जल्द से जल्द पूरी तरह से समाप्त किया जाए। पासवान ने बताया कि आन्ध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और दिल्ली में शत-प्रतिशत राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है।