उत्तराखंड में बरसात के साथ ही मुसीबतों का दौर शुरू हो गया है। चमोली जिले में गैरसैंण के करीब सैंजी गांव में बीते बुधवार देर रात बादल फटने से दो मकान और चार गोशालाएं जमींदोज हो गईं। इस दौरान एक युवती की सतर्कता ने छह लोगों की जान बचा ली।खुशखबरी: अब तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर यात्रियों को मिलेगा 50 फीसदी रिफंड…
रात दस बजे बादल फटने से बची तबाही
बुधवार रात 10 बजे बादल फटने से सैंजी गांव के बीचों-बीच बह रहे गदेरे में भारी मलबा और बोल्डर आने से प्रेम सिंह और खीम सिंह का मकान जमींदोज हो गया। जबकि, विजय, दिनेश, विक्रम और शोवन सिंह की गोशालाएं ध्वस्त हो गईं। दीवान सिंह के मकान और गोशाला के साथ ही सुरेंद्र प्रेम और उमापति के घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। इसके अलावा राजेंद्र सिंह, गंगा देवी, बादर सिंह और देवी प्रसाद समेत गांव के अधिकतर लोगों के घरों में मलबा और कीचड़ घुस गया।
प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने का भरोसा
गुरुवार सुबह सीडीओ, एसडीएम और नगर पंचायत अध्यक्ष ने गांव पहुंचकर राहत और बचाव के कार्य शुरू करवाए। इस बारे में एसडीएम स्मृता परमार ने बताया कि प्रभावित परिवारों को जल्द ही दो-दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। उधर, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी भी गुरुवार की दोपहर गांव पहुंचे और प्रभावितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
बिंदी की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
सैंजी गांव में बुधवार रात को बिंदी की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। बिंदी ने दो मकानों में रह रहे छह लोगों को बचा लिया। तेज बारिश शुरू होते ही बिंदी ने सभी लोगों को जगाया और वे घरों से बाहर आ गए। कुछ ही देर बाद बादल फटने से दोनों मकान जमींदोज हो गए।
टिहरी में सात सड़कों पर बाधित रही आवाजाही
गुरुवार को बारिश से टिहरी जिले की सात ग्रामीण सड़कों पर यातायात ठप रहा। लोगों को आवागमन में काफी परेशानियां आईं। कफलोग-घुरट के साथ ही लंबगांव-पनियाला, थान-बेमर, रानीचौंरी-नकोट और घनसाली-घूत्तू सड़क मार्गों पर कई जगह मलबा आने से यातायात ठप रहा।
रिहायशी घर पर गिरा बोल्डर छत और दीवार हुई क्षतिग्रस्त
थलीसैंण तहसील के दैड़ा गांव में बुधवार देर रात एक रिहायशी आवास के ऊपर बोल्डर गिर गया। इसके चलते घर की छत और पीछे की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। इधर, थलीसैंण के एसडीएम केएस मेहता ने बताया कि यह घटना रात करीब पौने 12 बजे की है। घर के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।