कांग्रेस पार्टी ने गुजरात चुनाव के दौरान पैदा हुए विवाद को देखते हुए अब अपने वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बलको बाबरी मस्जिद केस से हटने का निर्देश दिया है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद केस की पिछली कुछ सुनवाइयों में मौजूद नहीं रहे हैं। माना यह भी जा रहा है कि आगे भी वह सुनवाई से दूर रह सकते हैं। सुनवाई में उनके अनुपस्थित रहने से यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि शायद कांग्रेस पार्टी ने ही सिब्बल को इस केस से हटने को कहा है।
हालांकि मुस्लिम याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जहां तक उन्हें जानकारी है, यह एक अस्थायी ब्रेक है। आपको बता दें कि सिब्बल इस केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सिब्बल को किसी प्रकार का निर्देश मिला है, ऐसी उन्हें जानकारी नहीं है।
उधर, केस में एक प्रमुख वकील और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘संवैधानिक मसलों पर बहस करने के लिए हमें सिब्बल की जरूरत है। यह स्टेज 6 अप्रैल को अगली सुनवाई में नहीं बल्कि बाद में आएगा। इस बीच राजीव धवन लीड कर रहे हैं।’
अटकलों के बीच अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली भविष्य की सुनवाई पर है। अब यह देखना होगा कि इस केस की लीगल टीम में सिब्बल दिखते हैं या नहीं। आपको बता दें कि गुजरात चुनाव के दौरान सिब्बल को लेकर एक विवाद पैदा हो गया था। दरअसल, सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि इस संवेदनशील मामले की सुनवाई को 2019 के लोकसभा चुनावों तक रोक देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तर्क के सहारे कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि क्या राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान यह पार्टी का आधिकारिक रुख है। अब कर्नाटक चुनाव काफी नजदीक हैं, ऐसे में अटकलों को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। इसके अलावा हाल ही में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी कहा था कि बीजेपी कांग्रेस को एक मुस्लिम पार्टी के तौर पर पेश करने में सफल हो गई।
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