आचार्य प्रमोद कृष्णम टीवी चैनलों में आए दिन होने वाली बहसों में जाना-पहचाना नाम है। पिछले दिनों यूपी सरकार ने इन्हीं बाबा की अगुवाई में तथाकथित संतों की एक टीम को कैराना में पलायन की जांच के लिए भेजा था। इसके बाद से ही प्रमोद कृष्णम का नाम सुर्खियों में है। खास तौर पर सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि ये ‘समाजवादी संत’ आखिर कौन हैं? और जिस कैराना में दर्जनों हिंदू घरों पर लटकते ताले सबने टीवी चैनलों पर देखे, वहां इनको कुछ क्यों नहीं दिखा?
कांग्रेस नेता से बने ‘कांग्रेस के बाबा’
प्रमोद कृष्णम को कुछ साल पहले तक पश्चिमी यूपी के एक छोटे से इलाके में प्रमोद कुमार त्यागी के नाम से जाना जाता था। तब वो कांग्रेस पार्टी का एक छुटभैया नेता हुआ करते थे। राजनीति में खास कामयाबी नहीं मिली तो उसने बाबा का चोला पहन लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रमोद कृष्णम को यूपी की संभल सीट से कांग्रेस ने टिकट भी दे दिया। लेकिन वो पांचवें नंबर आए। इस बार वो कांग्रेस या समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा में घुसने की भरपूर कोशिश में थे, लेकिन ऐन मौके पर पत्ता कट गया। फिलहाल समाजवादी पार्टी से विधानसभा का टिकट पाने की पूरी कोशिश में हैं।
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कैराना के जांच दल से सुर्खियों में आए
यूपी के कैराना में हिंदुओं के पलायन की जांच करने के लिए अखिलेश यादव सरकार ने हिंदू संतों की एक टीम बनाई थी। उसका मुखिया इन्हें ही बनाया गया था। आरोप है कि प्रमोद कृष्णम ने कैराना जाकर सिर्फ उन्हीं हिंदू परिवारों से मिले, जिनसे उन्हें मनमुताबिक जवाब मिलने की उम्मीद थी। लौटकर उन्होंने सीएम से लेकर राज्यपाल तक को रिपोर्ट दे दी कि कैराना में कोई पलायन नहीं हो रहा है। मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए उन्होंने यह आरोप भी लगा दिया कि मुझे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
कांग्रेस, AAP, मीडिया की आंखों के तारे
एक गुमनाम कांग्रेसी नेता से एक बड़े धर्मगुरु की पहचान बनाने तक के सफर में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और मीडिया ने बाबा प्रमोद का भरपूर साथ दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया पर उनकी बातों को ट्वीट करते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता उनके साथ कई जगहों पर मंच शेयर करते हैं और मीडिया प्रमोद कृष्णम की खबरें खूब दिखाती है। यहां तक कि आजतक के कार्यक्रम एजेंडा में उन्हें धर्म पर ज्ञान देने बुलाया गया था। जबकि सभी जानते हैं कि धर्म से इनका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
भगवान कल्कि अवतार के नाम पर धंधा
हिंदू धर्म की मान्यताओं में भगवान विष्णु के 10वें तथा अंतिम अवतार की भविष्यवाणी की गई है। इसके मुताबिक कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि के रूप में उत्तर प्रदेश के संभल में जन्म लेंगे। गणनाओं के हिसाब से यह अवतार 4,320वीं शताब्दी में होगा। इसके साथ ही कलियुग का अंत हो जाएगा। प्रमोद कृष्णम भी संभल के ही रहने वाले हैं, लिहाजा अपनी धार्मिक दुकान चलाने के लिए उन्होंने भगवान कल्कि को ही चुन लिया। वो खुद को कल्कि पीठाधीश्वर कहलवाते हैं। संभल में 300 एकड़ जमीन पर कब्जा करके वहां कल्किधाम आश्रम बनाया है। वो एक ऐसे भगवान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं जिनका धरती पर अवतार होने में भी अभी कई सौ साल बाकी हैं।
धर्म के नाम पर डर्टी डांसिंग!
प्रमोद कृष्णम भगवान कल्कि के नाम से संभल में हर साल एक महोत्सव भी करवाते हैं। इस महोत्सव में धार्मिक कार्य कम, नाच-गाना और अय्याशी ज्यादा होती है। इस प्रोग्राम में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास से लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता तक भाग लेते रहे हैं। कल्कि महोत्सव के नाम पर कई अश्लील नाच-गाने के वीडियो यूट्यूब पर देखे जा सकते हैं। सवाल यह है कि हिंदू धर्म के मुताबिक विष्णु के भावी अवतार के नाम पर क्या ऐसे अश्लील कार्यक्रम को मंजूरी दी जा सकती है? क्या यह हिंदू समुदाय की भावनाओं का अपमान नहीं है? हैरत की बात है कि हिंदू धर्मगुरुओं के खिलाफ लंबे-चौड़े प्रोग्राम दिखाने वाले न्यूज चैनलों को प्रमोद कृष्णम की ये हरकतें कभी नहीं दिखाई देतीं। नीचे आप ऐसा ही एक वीडियो देख सकते हैं जिसमें प्रमोद कृष्णम लड़कियों के साथ भांगड़ा कर रहे हैं।
हिंदू धर्म को बुरा भला कहते हैं बाबा
बाबा प्रमोद कृष्णम भले ही खुद को हिंदू धर्म का गुरु बताते हैं, लेकिन अपने भाषणों में वो हिंदू धर्म को काफी कुछ बुरा-भला कहते हैं। जबकि मुस्लिम धर्म के बारे में उनकी राय काफी अच्छी है। मुस्लिमों के बड़े-बड़े जलसों में वो बतौर हिंदू धर्म गुरु शामिल होते हैं और वहां भी ज्यादातर वक्त यही बताते हैं कि मुस्लिम धर्म किस तरह हिंदू धर्म से अच्छा है। यही वजह है कि राजनीति से लेकर सोशल मीडिया तक उनके ज्यादातर फॉलोअर्स मुसलमान हैं। जबकि एक सच्चे संत से उम्मीद की जाती है कि वो हिंदू-मुसलमान जैसी बातों से ऊपर उठे।
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प्रमोद कृष्णम का विवादों से पुराना नाता
कहने को धर्म गुरु हैं, लेकिन आम तौर पर राजनीतिक बयानबाजी के लिए ही जाने जाते हैं। गाजियाबाद में उनके कई स्कूल चलते हैं। अक्सर उन पर शारीरिक शोषण के आरोप भी लगते रहे हैं। बाबा की अय्याशी भरी जिंदगी लोगों के बीच चर्चा का विषय रहती है। कुछ साल पहले पुलिस छापे में पकड़ी गई दो कॉलगर्ल्स ने भी इन बाबा का नाम लिया था। बताते हैं कि उनके पास सबसे महंगी लग्जरी गाड़ियों का जखीरा है। लोकसभा चुनाव में बाबा ने अपनी संपत्ति 4 करोड़ रुपये घोषित की थी। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक उनका साम्राज्य इससे कई गुना ज्यादा का है। उन पर कोयला घोटाले के आरोपी मधु कोड़ा से लेकर शराब माफिया तक से रिश्तों के आरोप हैं।