हाल ही में हुई बारिश ने अयोध्या में 844 करोड़ के नवनिर्मित रामपथ के निर्माण की पोल खोल दी थी। जगह-जगह रामपथ धंसने की घटना सामने आई थी। अब योगी सरकार ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों पर एक्शन लिया है। उत्तर प्रदेश के लोक कल्याण विभाग के 3 इंजीनियरों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में तीनों अयोध्या के PWD कार्यालय से संबद्ध रहेंगे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच भी होगी। वहीं, सड़कों के धंसने की स्थिति की जांच कराकर इसके कारणों को भी जानने की कोशिश होगी।
रामपथ धंसने के बाद योगी सरकार को करना पड़ा आलोचनाओं का सामना
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सड़क धंसने के कारण खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहे है कि क्या छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई कर बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर अधिशासी अभियंता और उनके अधीनस्थ काम करने वाले सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक सभी को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय से संबद्ध किया गया है।
अयोध्या में पहली बरसात में खुल गई विकास की पोल
आपको बता दें कि अयोध्या में पहली बरसात में विकास की पोल खुल गई थी। सहादतगंज से लेकर नया घाट तक 13 किलोमीटर तक लंबे रामपथ पर कई स्थानों पर सड़कें धंस गई थीं, हालांकि आनन फानन में सड़कों के गड्ढों को बालू से भरने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी अलग-अलग स्थानों पर गड्ढ़े हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों के मुताबिक रामपंथ के धंसने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हुए थे।
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