पटना। जन अधिकार पार्टी (लो) की महिला प्रकोष्ठ जन अधिकार महिला परिषद ने आज गर्दनीबाग धरना स्थल से राजभवन मार्च निकाला, जिसे थोड़ी दूर आगे बढ़ने के बाद पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान आगे बढ़ रही महिलाओं के साथ पुलिस ने दुर्व्यवाहर किया और मारपीट भी की। कुछ युवतियों के कपड़े भी पुलिसकर्मियों ने फाड़ दिये।
इससे आक्रोशित महिलाओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाये। जन अधिकार महिला परिषद मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड के खिलाफ और समाज कल्याण मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर राजभवन मार्च का आयोजन किया था। राजभवन मार्च का नेतृत्व पार्टी के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने किया। वे महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा किये गये दुर्व्यवहार से काफी भावविह्वल हो गये और फूट-फूट कर रोने लगे। इस दौरान मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि इस राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है। सत्ता के लिए और कितना सौदा करेंगे राजनीति करने वाले। बहू-बेटियों का सौदा करने का घिनौना खेल कब तक चलेगा।
सांसद ने कहा कि बाल व बालिका गृह यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म का अड्डा बन गये हैं। दुष्कर्मियों को सरकार का संरक्षण मिलता है। बाल सुधार गृह की लड़कियों को नेता और अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है और उनका यौन शोषण किया जाता है। यादव ने कहा कि राज्य के सभी बाल सुधार गृहों की जांच होनी चाहिए और वहां होने देह-व्यापार का खुलासा होना चाहिए। इसमें शामिल लोगों को पर्दाफाश किया जाना चाहिए। सांसद ने कहा कि वे मुजफ्फरपुर बालिका गृह के गंदे खेल को लेकर कई बार आंदोलन भी कर चुके थे। इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया।
यादव ने कहा कि वे और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया। इसको लेकर लोकसभा की कार्यवाही बाधित की, तब जाकर राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार हुई। श्री यादव ने कहा कि पार्टी और उसके प्रकोष्ठ मुजफ्फरपुर यौनशोषण कांड के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाएंगे और पीडि़ताओं को न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे खुद इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे और न्याय की लड़ाई मजबूती लड़ेंगे। इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे।
राजभवन मार्च के बाद जन अधिकार महिला परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल के नाम का ज्ञापन एडीसी हिमांशु तिवारी को सौंपा। इसमें मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण कांड की सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में करने मांग की गयी थी। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुपति सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राघवेंद्र कुशवाहा महिला परिषद की कार्यकारी अध्यक्ष ज्योति चंद्रवंशी, प्रीति साहा, सुनीता गुप्ता, प्रिया राज, कंचनमाला, वंदना देवी शामिल थीं।