वाराणसी: सियासी रण अपने चरम पर है। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी काफी सुर्खियों में है। दरअसल वाराणसी लोकसभा सीट से सोमवार को नैनी जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद ने अपना नामांकन कराया है। अतीक अहमद जेल में रहकर ही पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेगा। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी सोमवार को इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदलते हुए बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज प्रताप यादव को अपना उम्मीदवार बना दिया है।
वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय और महागठबंधन ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। वहीं अब अतीक अहमद के चुनाव लडऩे की घोषणा से मुकाबला चतुष्कोणीय होने की पूरे आसार नजर आ रहे हैं। अतीक अहमद अभी जेल में बंद है। हाल ही में अतीक अहमद की पत्नी ने उनके चुनाव लडऩे की घोषणा की थी।
अतीक अहमद वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेगा। इससे पहले खबरें आई थीं कि अतीक अहमद को शिवपाल की पार्टी ने वाराणसी से टिकट दिया है लेकिन बाद में पार्टी ने इस बात का खंडन कर दिया। इस पर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगे। जेल में बंद अतीक अहमद ने चुनाव प्रचार के लिए 3 हफ्ते की पैरोल भी मांगी थी।
वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए शार्ट टर्म बेल की अर्जी को कोर्ट ने 29 अप्रैल को खारिज कर दिया। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने बाहुबली की अर्जी को खारिज कर दिया है। अतीक अहमद इससे पहले भी वाराणसी से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि 2009 में उनका मुकाबला बीजेपी डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ था।
उस चुनाव में डा. मुरली मनोहर जोशी ने अतीक अहमद को मात दी थी। 2014 के चुनाव में अतीक अहमद ने श्रावस्ती से चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें बीजेपी के दद्दन मिश्रा ने हराया था। अतीक अहमद उस समय चर्चा में आया था जब उसने जेल में बैठे बैठे एक बिजनेसमैन का अपहरण करा लिया था। इसके बाद उसे यूपी से गुजरात की जेल में शिफ्ट करने की योजना है।