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नाव बनाई और बन गए खेवनहार
महेवा स्थित एस्तमाली इलाके में रहने वाले मूलचंद चौधरी बाढ़ की त्रासदी में फंसे लोगों के लिए खेवनहार बनकर सामने आए हैं। बाढ़ से घिरे घरवा और क्षेत्रीय लोगों को जब प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली तो मूलचंद ने 15 हजार रुपये खर्च कर नाव बना डाली। वह कहते हैं कि हर बात पर प्रशासन को कोसना ठीक नहीं है। प्रशासन दूसरे बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगा है। हम अपना, परिवार और आसपास के लोगों की मदद कर लेंगे।
मजदूरी कर गुजारा चलाने वाले मूलचंद ने बताया कि उनके इलाके में सोमवार से ही पानी भरा है। उनके घर के सामने ही सात फीट से ज्यादा पानी भरा है। शुरू में पानी कम था तो जुगाड़ की नाव से काम चल जा रहा था, मगर तीन दिनों में पानी ज्यादा हो गया। इससे घर तक जरूरी सामान पहुंचाने में परेशानी होने लगी। नतीजतन 15 हजार रुपये खर्च कर जस्ते की चादर ले आए और नाव बना डाली। इससे अब खुद और आसपास के लोगों को मदद पहुंचाने में आसानी हो रही है। यह स्थायी इंतजाम है। कितना भी पानी आ जाए। राशन, पानी पहुंचाने में दिक्कत नहीं आएगी। यहीं के रहने वाले मन्नूलाल चौधरी ने बताया कि प्रशासन से कोई मदद मुहैया नहीं कराई जा रही है। कोटेदार ने केरोसिन देना बंद कर दिया है। बाढ़ से बिजली भी नहीं है। रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है। आखिर कोई कितनी मोमबत्ती खरीदकर काम चलाएगा।