इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को समन भेजा है। कोर्ट ने पूछा है कि योगी आदित्यनाथ एक साथ मुख्यमंत्री और सांसद कैसे रह सकते हैं।
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इसके अलावा अदालत ने उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को लेकर भी सवाल किया है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया।
बता दें कि एक समाजसेवी संजय शर्मा ने सोमवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बतौर सांसद तनख्वाह और बाकी सुविधाएं ले रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि वो दोनों एक साथ दो पदों पर नहीं रह सकते हैं।
शर्मा ने अपनी दलील में संसद (अयोग्यता का निवारण) अधिनियम 1959 के प्रावधानों का हवाला दिया है और मांग की है कि योगी और मौर्य की नियुक्ति रद्द किया जाए।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से और केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद की फूलपुर संसदीय सीट से सांसद हैं। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 24 मई को करेगी।
सूबे के सीएम आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ याचिका दायर हुआ है. इस याचिका में सीएम योगी और केशव मौर्या को अयोग्य ठहराने कि मांग कि गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि सांसद किसी राज्य का मंत्री नही बन सकता है यह संविधान के अनुच्छेद 101:2: का उलंघन है.
ऐसे में योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्या का अयोग्य करार करना चाहिए क्योकि अभी भी दोनों सांसद है. अब इस मामले में लखनऊ हाईकोर्ट में अगली सुनवाई के लिए 24 मई कि तारीख को तय किया गया है.