एक अनोखे मामले में अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहा व्यक्ति कोर्ट की हिरासत में उसका पासपोर्ट होने के बावजूद अमेरिका भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच करने और उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
पीठ ने उठाए सवाल
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल केएम नटराज से कोर्ट की सहायता करने और यह बताने को कहा कि व्यक्ति को बिना पासपोर्ट के इस देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई।
पीठ ने कहा, ”भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सहायता से वह यह भी पता लगाएं और अदालत को बताएं कि प्रतिवादी को देश से भागने में किसने मदद की और इसमें कौन-कौन अधिकारी और अन्य लोग शामिल थे।”
बिना पासपोर्ट के अमेरिका या कोई अन्य देश कैसे जा सकता है- कोर्ट
पीठ ने कहा, ”हम इस बात से हैरान हैं कि कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी बिना पासपोर्ट के अमेरिका या कोई अन्य देश कैसे जा सकता है, जबकि उसका पासपोर्ट इस कोर्ट की हिरासत में है। जो भी हो, अब हमारे पास कथित अवमाननाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
”पीठ ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।यह व्यक्ति अपने बच्चे की कस्टडी के लिए अपनी अलग रह रही पत्नी से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। पत्नी ने अपने पति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर रखा है जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। आठ फरवरी, 2006 को उनकी शादी हुई थी और वे अमेरिका चले गए।\
उनका एक 10 वर्षीय बच्चा भी है। हालांकि, वैवाहिक कलह के कारण पति ने 12 सितंबर, 2017 को मिशिगन (अमेरिका) की एक अदालत से तलाक का आदेश प्राप्त कर लिया। दूसरी ओर, पत्नी ने भी भारत में अलग हुए पति के खिलाफ कई कार्यवाही शुरू की।
सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को दिया यह निर्देश
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह प्रतिवादी को गिरफ्तार करने और उसे न्याय के कठघरे में लाने के लिए कानून के तहत हर संभव कदम उठाए। यह आदेश तब आया जब अवमाननाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने बताया कि वह विदेश चला गया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी के लिए तय की।
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