बिहार के भागलपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उसने अपने ऊपर दर्ज FIR रद्द करने की मांग की है। बता दें कि उसने पटना पुलिस के सामने शनिवार देर रात सरेंडर किया जिसके बाद भागलपुर सिविल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, तबियत बिगड़ने के बाद अर्जित को भागलपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उधर, औरंगाबाद हिंसा के मुख्य आरोपी भाजपा नेता अनिल सिंह जोकि कुछ दिनों पहले पुलिस हिरासत से भाग गया था, उसने आज कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। भागलपुर के बाद औरंगाबाद में भड़की हिंसा पर पुलिस काबू पाने में सफल रही थी जिसकी वजह से किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घट पाई थी। वहीं समस्तीपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भाजपा के तीन नेताओं समेत लगभग एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद की गई थी।
सुशासन में कोई बच नहीं सकता : जदयू
इस गिरफ्तारी पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सुशासन राज में कोई बच नहीं सकता है। अश्विनी कुमार का नाम लिए बिना जदयू नेता ने कहा कि जो लोग प्राथमिकी को कूड़े में फेंक रहे थे वह बताएं कि आत्मसमर्पण करने कैसे आ गए।
कम हुआ होगा नीतीश का सिरदर्द : राजद
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह ‘गिरफ्तारी है या आत्मसमर्पण’ यह तो जांच का विषय है लेकिन इससे नीतीश कुमार का सिरदर्द जरूर कम हुआ होगा। वहीं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।