जदयू ने इस कार्य के लिए बिहार में पिछले कुछ सालों में अतिपिछड़ों के कल्याण के लिए लागू की गई योजनाओं की सूची तैयार की है। इन योजनाओं में पंचायत एवं ग्राम कचहरियों में अतिपिछड़ों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण, अतिपिछड़े छात्र-छात्राओं को तीन गुना अधिक छात्रवृत्ति, उनके लिए हर जिले में छात्रावास का निर्माण, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए हर विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण केंद्र, अत्यंत पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के गठन की तैयारी आदि शामिल हैं।
जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 54 प्रतिशत पिछड़ों में 30 प्रतिशत अतिपिछड़े शामिल हैं। इन्हें सत्ता में कभी भागीदारी नहीं मिली। इनके अलावा पिछड़ों में गैर-यादव जातियों और दलितों में गैर-रविदास जातियों का भी यही हाल है। हम अतिपिछड़ों को बताएंगे कि बिहार में हमने कितने काम किए हैं, जबकि यूपी की सभी सरकारों ने उनकी उपेक्षा की है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में समानता दल के अध्यक्ष मोतीलाल कुशवाहा शास्त्री, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के अध्यक्ष प्रेमचंद बिंद, जनवादी पार्टी के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान, जय ङ्क्षहद पार्टी के अध्यक्ष नंदलाल निषाद और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के अध्यक्ष कुंवर देवेंद्र सिंह लोधी भी शामिल रहेंगे। इन दलों ने हमारे नए मोर्चा का हिस्सा बनने पर पहले ही सहमति दे दी है।
केसी त्यागी के अनुसार उनके अलावा भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष यशवंत सिंह भी साथ रहेंगे। उन्होंने अपने संगठन का पिछले दिनों जदयू में विलय कर लिया है।