बिहार पुलिस ने जुर्म कबूल कराने के लिए बेहिसाब पीटा

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने किसी के हाथ-पैर बांधकर करंट लगाकर उसकी पिटाई की तो किसी के गुप्तांग में पेट्रोल डालकर थर्ड डिग्री टॉर्चर करते हुए गंगाजल की याद दिलाई। अब सिटी एसपी कह रहे हैं कि तथ्य सामने आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठता रहा है, यह कोई नयी बात नहीं है। एक बार फिर एक ऐसा ही मामला बिहार के उस जिले से है जहां एक दारोगा ने एक इंजीनियर को पीटते-पीटते मार डाला था। उस समय भी काफी हो-हंगामा हुआ, डीआईजी ने उस आरोपी दरोगा पर कार्रवाई करने का झूठा आश्वासन दिया था। जी, वह झूठा आश्वासन ही था क्यों कि कई महीने और कई साल बीतने के बाद भी भागलपुर पुलिस को आरोपी दारोगा अब तक नहीं मिला, कार्रवाई तो बहुत दूर की बात है। इस जिले की ऐसी ढेर सारी कहानियां हैं लेकिन, फिलहाल ताजा मामला उसी जिला भागलपुर का है, लेकिन इस बार थाना अलग है। इस बार थाना गोराडीह है, जहां पुलिस ने हत्या के एक मामले में सात लोगों को उठाकर लायी और उनसे गुनाह कबूल करवाने के लिए उनके साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल की। नतीजतन एक को छोड़ सभी मायागंज अस्पताल में इलाजरत हैं।

ऐसे खुला मामला

पुलिस के थर्ड डिग्री का मामला तब खुला जब पुलिस की पिटाई से उन सब की हालत गंभीर हो गई और पुलिस ने आननफानन में सभी घायलों को इलाज के लिए मायागंज ले आई। यहां परिजनों ने बताया कि पुलिस ने हत्या के एक मामले में सात लोगों को उठाया और उनके साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करते हुए अस्पताल तक पहुंचा दिया। पुलिस ने जिन लोगों को उठाया था, उसमें गोराडीह गांव के रहने वाले धनेश्वर दास, अंबेडकर दास, फुलेश्वर दास, संजीत दास, कन्हैया दास और संतोष दास हैं। गोराडीह पुलिस के इस रवैये से पूरा इलाका सदमे में है। पीड़ितों का कहना है कि छह लोगों का इलाज मायागंज में चल रहा है, जबकि सातवें शख्स को पुलिस ने थाना में ही रखा है। पीड़ित लोगों ने बताया कि बड़ा बाबू और छोटा बाबू दोनों ने एक रूम में बंद कर हम लोगों को जानवर की तरह पीटा जबकि हम लोग निर्दोष हैं।

घटना और पुलिस के थर्ड डिग्री को ऐसे समझिये

दरअसल गोराडीह थाना क्षेत्र में अपराधियों ने बीते 14 जून को सुमेश मंडल की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी थी। घटना के बाद आक्रोशिर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया था। जाम को हटाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस दौरान पुलिस ने कुछ चेहरों को चिन्हित कर लिया और फिर रविवार की देर रात को पुलिस ने उन चिन्हित लोगों धनेश्वर दास, अंबेडकर दास, फुलेश्वर दास, संजीत दास, कन्हैया दास और संतोष दास सहित कुल सात लोगों को पूछताछ के नाम पर गिरफ्तार कर लिया। फिर पूछताछ के रूप में उनसब के साथ मारपीट शुरू हो गई। हिरासत में लिए गए लोगों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के क्रम में सबों के साथ पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। इस दौरान पुलिस ने किसी के हाथ-पैर बांधकर करंट लगाकर उसकी पिटाई की तो किसी के गुप्तांग में पेट्रोल डालकर न सिर्फ थर्ड डिग्री टॉर्चर किया, बल्कि उसी जिले में हुए गंगाजल की भी याद ताजा कर दी। परिजनों का कहना है कि पुलिस का ऐसा करने के पीछे बस एक ही मंशा थी कि वेलोग हत्या का आरोप स्वीकार कर ले, लेकिन पुलिस अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकी।

सिटी एसपी ने कहा- जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई

सिटी एसपी श्री राज ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है, संबंधित एसडीपीओ को जांच के लिए दिया गया है। तथ्य सामने आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

लोगों का सवाल

भागलपुर में इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि शहर में तकनीक अब हाईटेक हो गया है। चौक-चौराहों से लेकर हाजत के अंदर तक बड़े सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, इसके बाद भी थाना के अंदर इस तरह की घटना धड़ल्ले से हो जाना, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठती है।

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