वर्ष 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते विपुल प्रसाद सिंह ने ऐतिहासिक झंडा चौक पर मध्य रात्रि को तिरंगा फहराया।
भारत आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार लालकिले पर आज तिरंगा फहराएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी मैदान में तिरंगे को सलामी देंगे। पूरे देश में सुबह में तिरंगे को सलामी देने की परंपरा है। लेकिन, बिहार का एक जिला ऐसा है, जहां आधी रात को तिरंगे को सलामी दी जाती है। पूर्णिया शहर के झंडा चौक पर 14 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजकर एक मिनट पर तिरंगा फहराया गया।
लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाए। सन 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते विपुल प्रसाद सिंह ने ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया। खुद को इस खास मौके का साक्षी बनाने बड़ी संख्या में लोग झंडा चौक पर इकट्ठा हुए। एक दूसरे को जलेबियां खिलाकर लोगों ने आजादी का जश्न मनाया। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
मध्य रात्रि में तिरंगा फहराने की परंपरा
ध्वजारोहण के बाद स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते विपुल प्रसाद सिंह का कहना है कि साल 1947 में जब घड़ी की सुई 12 बजकर एक मिनट पर पहुंची थी, ठीक उसी समय भारत के आजादी की घोषणा रेडियो पर की गई थी। तब पूर्णिया के स्वतंत्रता सेनानी और उनके दादा रामेश्वर प्रसाद सिंह ने रामरतन साह और शमशुल हक के साथ मिलकर मध्य रात्रि में भट्ठा बाजार में झंडा फहराया था। तभी से हर साल यहां मध्य रात्रि में तिरंगा फहराने की परंपरा चली आ रही है।
बाघा बॉर्डर पर रात्रि में झंडा फहराया जाता
समाजसेवी अनिल चौधरी ने कहा कि हमारे वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानियां देकर देश को आजाद किया। कितनी माताओं के मांग का सिंदूर मिट गया। कितनी बहनों ने अपने भाइयों को खो दिया। तब जाकर देश आजाद हुए।
यहां के स्वर सेनानियों ने हमें यह अवसर प्रदान किया है। हर वर्ष रात्रि के 12:01 में हम झंडा फहराते हैं। पूरे भारतवर्ष में एक बाघा बॉर्डर पर रात्रि में झंडा फहराया जाता है दूसरा पूर्णिया के झंडा चौक पर झंडा फहराया जाता है। मौके पर शहर के कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति के साथ ही पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, सदर विधायक विजय खेमका, नगर निगम मेयर विभा कुमारी, कई वार्ड पार्षद और जिला प्रशासन भी मौजूद रहे।