बारिश और बाढ़ का कहर बढ़ता ही जा रहा है. नेपाल में हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से मोतिहारी के सिकराना नदी में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. आस-पास के गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. हजारों लोग प्रभावित हुए है. वहीं नेपाल से निकलने वाली नदिया इस बार यूपी के कई जिलो के लिए भी अभिशाप बन गई है. महराजगंज जिले में रोहिन और नारायणी नदी खतरे के निशान के उपर बह रही है. रोहिन नदी पर पांच स्थानों पर तटबन्ध टूट जाने से जिले की सबसे महत्वपूर्ण महराजगंज फरेन्दा मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है. साथ ही जिले के साठ गांवो में बाढ का पानी घुस गया है. सिर्फ बिहार में 65 लाख लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में घिरे हुए हैं.
सुगौली थाने में 4 से 5 फीट तक भरा पानी
मोतिहारी जिले में आए बाढ़ की वजह से सुगौली थाना भी अछूता नहीं रहा है. जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुगौली थाना पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. वहीं सीकरना नदी में अचानक बड़े जलस्तर की वजह से बाढ़ का पानी पूरे थाने में घुस गया. हालात इतने खराब है कि सुगौली थाने के अंदर चारों तरफ 4 से 5 फीट पानी भरा हुआ है. थाने के अंदर पुलिस की गाड़ियां हो या फिर मंदिर, सब पूरी तरीके से जलमग्न है.
थाने के अंदर आवाजाही के लिए चल रही नाव
दिलचस्प बात यह है कि थाने के अंदर आवाजाही के लिए नाव चल रही है. एक तरफ जहां थाने के अंदर रखें जरूरी फाइलें पानी में बह गए हैं, वही कंप्यूटर, लैपटॉप और प्रिंटर के अलावा महत्वपूर्ण चीजों को ट्रैक्टर के सहारे थाने से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है.
जोगबनी में नहीं पहुंची राहत
बिहार के जोगबनी के हालात भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित रहे थे. वहां के लोगो को बाढ़ के दौरान कोई मदद नही मिली. उनके पास ना ही बचाओ दल पहुंचा और न ही कोई राहत पहुंची. हालांकि बाढ़ का पानीनेपाल से सटे बिहार के जोगबनी बोर्डेर से निकल चुका है. सोमवार शाम तक यहां पानी था. लेकिन पिछले दो दिनों से बारिश नही होने से पानी तो निकल गया है. बाढ़ की इस विभीषिका में अबतक 13 लोग अपनी जान गंवा चुके है. कई अभी भी लापता है. वहीं 4 लाशें नेपाल से बह कर आई थी. बता दें कि 13 मृतकों में से 11 की पहचान हो गई है.
प्रशासन से नाराज जनता
24 गांवो को प्रशासन ने कराया खाली
वहीं यूपी में रोहिन नदी पर बने तटबन्ध टूट जाने से जिले के साठ गांव बाढ की चपेट में है. लोग बन्ध पर रात गुजारने को विवश है. जिले में हर तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है. ग्रामीण इलाके के लोग इतना डर गए है कि पूरी रात जग कर गुजार रहे है. नदी के किनारे बसे 24 गांवो को प्रशासन ने पूरी तरह से खाली करा लिया है. गांव में पानी आ जाने से लोगो के सामने खाने पीने की मुसीबत आ गई है. इन लोगो को न ही प्रशासन से कोई मदद मिल पा रही है और न ही इनके पास बनाने खाने की कोई साधन है. ग्रामीण अपने साजो सामान के साथ सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहने को विवश है. जिले में एनडीआरएफ और एस एस बी की टीमें लगा दी गई है.
लोग नावों के सहारे जी रहे है जिंदगी
यूपी के गोंडा में घाघरा नदी के भी हालात ठीक नहीं है. नदी खतरे के निशान से 1 मीटर से भी ज्यादा ऊपर बहने लगी है. उसका बढ़ाव लगातार जारी है. गोंडा के लिए बड़े संकट का संकेत है. जिले के दो तहसीलों तरबगंज व करनैलगंज के 50 गांवो के 375 मजरे बाढ़ के प्रकोप से कराह रहे है. रोजाना गांवो की संख्या बढ़ रही है वही अब तक 80 हजार की आबादी इससे प्रभावित है. गांवो की जिंदगी नावों के सहारे हो गई है.