मुंबई। बीस साल पहले दूसरे धर्म की लड़की को लेकर एक शख्स भाग गया था। इसके बाद उसने उस लड़की से शादी कर बच्चे पैदा किया और दोनों का तलाक भी हो गया। इतने साल गुजर गए लेकिन अब उस शख्स पर दुष्कर्म का केस चलेगा।
आरोपी समीर खान की जिंदगी इन बीस सालों में काफी बदल गई है। वो 1998 में दीपा नाम की लड़की को लेकर घर से भाग गया था। दोनों ने बाद में निकाह किया और उनके दो बच्चे भी हुए। बाद में इनका तलाक हुआ।
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अलग हो चुके समीर और दीपा के बीच लड़की के पिता आए और उन्होंने समीर पर बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया। हालांकि इस दौरान उनकी भी मौत हो गई। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार नवंबर 2016 में मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा सुनवाई में पेश ना होने के चलते समीर के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ जिसके चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
समीर ने इसे लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आरोपी के वकील ने अदालत में कहा है कि उसकी पूर्व पत्नी दीपा ने हलफनामे में साफ कहा है कि उसे अपने पूर्व पति से कोई शिकायत नहीं है।
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इसके बाद जस्टिस मृदुला भटकर ने समीर को 30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी साथ ही पुणे के जज को निर्देष दिए कि मामले की सुनवाई में तेजी लाए। जस्टिस भटकर ने कहा कि केस 20 साल पुराना है और इसकी तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए। अपराध को प्रवृत्ति, केस के फैक्ट्स और इस बात को देखते हुए कि अपराधी सालों तक जमानत पर था मुझे जमानत देनी पड़ रही है।
यह है घटनाक्रम
समीर के खिलाफ दीपा के पिता ने 7 अक्टूबर 1997 को विश्रामबाग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उस समय दीपा 17 साल और 11 महीने की थी। पुलिस ने खान के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। इसके बाद उसे जल्द की ढूंढ लिया गया और गिरफ्तारी के बाद जेल में डाल दिया गया।
अगस्त 1998 में उसे किसी तरह जमानत मिल गई और तब तक दीपा भी बालिग हो गई थी जिसके चलते दोनों ने शादी कर ली। इनके दो बच्चे हुए और 2008 में दोनों का तलाक भी हो गया। प्रॉसीक्यूशन के अनुसार खान सुनवाई में नहीं आए जिसकी वजह से यह ट्रायल के लिए नहीं लाया जा सकता।
इसके बाद मजिस्ट्रेट ने समीर के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। वारंट के बाद उसे नवंबर 2016 में फिर गिरफ्तार कर लिया गया और मजिस्ट्रेट ने उसे जमानत देने से इन्कार कर दिया। हाईकोर्ट ने समीर को जमानत देते हुए कहा कि उसे हर सुनवाई में मौजूद होना पड़ेगा साथ ही जांच अधिकारियों को सहयोग भी करना होगा।