बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अपनी जमीन देने वाले लोग यदि तीन साल के भीतर अपने लिए जमीन खरीदते हैं तो उन्हें सरकार को कोई स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी. यह निर्णय परियोजना को लागू करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की हाल में हुई बोर्ड बैठक में लिया गया। यह एजेंसी 508 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण करने के वास्ते संघर्ष कर रही है.
एनएचएसआरसीएल के सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए अपनी भूमि देने वाले लोगों को सौगात के रूप में स्टांप ड्यूटी से छूट दी जा रही है. उनकी स्टांप ड्यूटी की राशि एजेंसी सरकार को चुकाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्टांप ड्यूटी से छूट लोगों को उनकी मुआवजा राशि के अतिरिक्त दी जाएगी. अधिकांश राज्यों में संपत्ति के कुल बाजार मूल्य का पांच से सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के रूप में लिया जाता है जबकि एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क लिया जाता है.
सूत्र ने बताया था कि परियोजना के लिए 1,434 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है. इसमें से 353 हेक्टेयर महाराष्ट्र में और शेष गुजरात में है. एजेंसी बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में केवल 0.9 हेक्टेयर भूमि हासिल कर पाई है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features