उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि वह अपने बेटे से टिहरी झील पर क्रूज बोट परिचालन के निविदा की बोली वापस लेने को कहेंगे। इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद मंत्री ने यह बात कही है।
मंत्री के बेटे सुयश रावत उन छह आवेदकों में शामिल हैं, जिन्हें टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टीएडीए) द्वारा विचार के लिए चुना गया था। यह प्राधिकरण झील पर क्रूज बोट चलाने के लिए निविदाएं आवंटित करता है। टीएडीए पर्यटन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। पात्र आवेदकों का साक्षात्कार 28 अगस्त को निर्धारित किया गया था। हालांकि, विवाद के बाद, मंत्री ने शुक्रवार को गैरसैंण में संवाददाताओं से कहा कि वह अपने बेटे से अपना आवेदन वापस लेने के लिए कहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आवेदन पर विचार करने में पूरी पारदर्शिता बरती गई।
वहीं सतपाल महाराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उत्तराखंड में निवेशकों के शिखर सम्मेलन से प्रेरित होकर, मेरे छोटे बेटे ने राज्य में निवेश करने का फैसला किया। उसने संभावनाओं का पता लगाया और टिहरी झील में एक छोटी क्रूज बोट चलाने के वास्ते निविदा के लिए आवेदन किया। 25 आवेदनों में से छह को टीएडीए द्वारा विचार के लिए योग्य पाया गया। मेरे बेटे का आवेदन उनमें से एक था। आवेदन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई।”
मंत्री ने कहा, ‘‘फिर भी, जैसा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेते हैं, जो राजनीतिक जीवन में ईमानदारी के लिए कमल की तरह पवित्र रहने की बात करते हैं, मैं अपने बेटे से कहूंगा कि वह अपना आवेदन वापस ले ले, ताकि कोई हम पर आरोप लगाने वाली उंगली न उठा सके।”