देश तथा प्रदेश में जहां सैकड़ों लोग भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बड़ी मात्रा में भोजन इस कारण से फेंका जा रहा है कि उसको अनुसूचित जाति की महिला ने बनाया है। मामला सीतापुर के पिसावां ब्लाक के प्राथमिक स्कूल का है। जहां बच्चों ने बड़ों के बहकावे में आकर मिड डे मील का बहिष्कार कर दिया।
स्कूलों में जहां बच्चों को जाति व धर्म तथा छुआछूत से इतर देशहित का काम करने तथा सर्वधर्म सम्भाव की शिक्षा दी जाती है, वहीं सीतापुर में बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां छुआछूत को लेकर बड़ी संख्या में बच्चों ने मिड डे मील खाने से इन्कार कर दिया।
देश व प्रदेश में जहां सरकार एक ओर निम्नवर्ग को उच्चवर्ग के समांतर लाने को आरक्षण व एससीएसटी जैसे नये कानून बनाकर जातिवाद का अंतर समाप्त करने का प्रयास कर रही है वहीं ग्रामीण इलाकों में जातिवाद को लेकर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुयी है। इसके इतर यहां के पिसावां के प्राथमिक विद्यालय पल्हरिया में कुछ बेहद ही दुखद देखने को मिला। दो दिन पहले प्रधान सालिकराम ने यहां पर अनुसूचित जाति की एक महिला रामदेवी का चयन रसोइया के रूप में किया गया।