लखनऊ , 14 नवम्बर । तीन दिन से 1000 व 500 के पुराने नोट बदलने के चक्कर में लोगों के साथ ही बैंककर्मियों व डाकघर कर्मचारियोंं का धैर्य भी साथ छोडऩे लगा है। लोगों ने इस व्यवस्था
को लेकर अब आक्रोश साफ दिखने लगा है। बैंककर्मी व पोस्ट आफिस कर्मचारी भी घंटों काम करते करते बेहाल हुए जा रहे हैं और जरा-जरा सी बात पर विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। दिन भर पुलिस के पास बैंक व डाकघर में कहासुनी व झगड़े की सूचना मिल रही है और पुलिसकर्मी भी लोगों को समझा-समझा कर पूरी तरह थक चुके हैं। 10 नवम्बर से बैंकों व पोस्ट आफिस में पुराने 1000 व 500 के नोट बदलने की व्यवस्था शुरू की गयी। रविवार को इस व्यवस्था के तीसरे दिन सभी बैंकों व डाकघर में शुक्रवार व शनिवार से अधिक भीड़ देखने को मिली है। कहीं सुबह 5 बजे से लोगों ने लाइन लगा ली तो कहीं 7 बजे से लोग बैंक व डाकघर के बाहर जमा होने लगे। सुबह 10 से 10.30 बजे जैसे ही बैंक व डाकघर खुले लोगों का हुजुम जमा हो गया। लाइन इतनी लम्बी हो गयी कि सड़क जाम की स्थिति कई जगह पैदा हो गयी। लाइन में खड़े लोगों का धैर्य उनका साथ छोडऩे लगा। जरा-जरा सी बात पर विवाद व झगड़े की हालात पैदा होने लगे। कुछ ऐसा ही व्यवहार बैंककर्मियों व डाकघर कर्मचारियों का भी देखने को मिले। शुक्रवार से लेकर अब घंटों काम करते करते उनकी भी हालत पसत हो चुकी है। ग्राहक की छोटी सी भी गलती को लेकर वह लोग बात का बतंगड़ बनाने लगे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि शुक्रवार से लेकर अब तक बैंककर्मी व डाकघर कर्मचारियों घंटों काम कर चुके हैं और उनका व्यवहार भी बिगड़ता जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल पुलिस कर्मियों का भी है। शुक्रवार से लेकर अब तक बैंकों व डाकघर की सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस वाले छोटे-छोटे विवाद, झगड़े व बहस की सूचना पर हलकान दिख रहें हैं। एक बैंक से दूसरे बैंक और फिर वहां से डाकघर लगातार हर जगहा पहुंचने पर पुलिस वालों का भी रवैय्या बिगड़ता दिख रहा है। लोगों को समझाते समझाते पुलिसकर्मी भी थकते नज़र आ रहे हैं।
को लेकर अब आक्रोश साफ दिखने लगा है। बैंककर्मी व पोस्ट आफिस कर्मचारी भी घंटों काम करते करते बेहाल हुए जा रहे हैं और जरा-जरा सी बात पर विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। दिन भर पुलिस के पास बैंक व डाकघर में कहासुनी व झगड़े की सूचना मिल रही है और पुलिसकर्मी भी लोगों को समझा-समझा कर पूरी तरह थक चुके हैं। 10 नवम्बर से बैंकों व पोस्ट आफिस में पुराने 1000 व 500 के नोट बदलने की व्यवस्था शुरू की गयी। रविवार को इस व्यवस्था के तीसरे दिन सभी बैंकों व डाकघर में शुक्रवार व शनिवार से अधिक भीड़ देखने को मिली है। कहीं सुबह 5 बजे से लोगों ने लाइन लगा ली तो कहीं 7 बजे से लोग बैंक व डाकघर के बाहर जमा होने लगे। सुबह 10 से 10.30 बजे जैसे ही बैंक व डाकघर खुले लोगों का हुजुम जमा हो गया। लाइन इतनी लम्बी हो गयी कि सड़क जाम की स्थिति कई जगह पैदा हो गयी। लाइन में खड़े लोगों का धैर्य उनका साथ छोडऩे लगा। जरा-जरा सी बात पर विवाद व झगड़े की हालात पैदा होने लगे। कुछ ऐसा ही व्यवहार बैंककर्मियों व डाकघर कर्मचारियों का भी देखने को मिले। शुक्रवार से लेकर अब घंटों काम करते करते उनकी भी हालत पसत हो चुकी है। ग्राहक की छोटी सी भी गलती को लेकर वह लोग बात का बतंगड़ बनाने लगे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि शुक्रवार से लेकर अब तक बैंककर्मी व डाकघर कर्मचारियों घंटों काम कर चुके हैं और उनका व्यवहार भी बिगड़ता जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल पुलिस कर्मियों का भी है। शुक्रवार से लेकर अब तक बैंकों व डाकघर की सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस वाले छोटे-छोटे विवाद, झगड़े व बहस की सूचना पर हलकान दिख रहें हैं। एक बैंक से दूसरे बैंक और फिर वहां से डाकघर लगातार हर जगहा पहुंचने पर पुलिस वालों का भी रवैय्या बिगड़ता दिख रहा है। लोगों को समझाते समझाते पुलिसकर्मी भी थकते नज़र आ रहे हैं।