बैंक में रखा आम लोगों का पैसा रहे सुरक्ष‍ित, इसलिए FRDI में बदलाव जरूरी : ASSOCHAM

बैंक में रखा आम लोगों का पैसा रहे सुरक्ष‍ित, इसलिए FRDI में बदलाव जरूरी : ASSOCHAM

बैंकों में जमा आम आदमी के पैसों पर कोई आंच न आए, इसके लिए इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल में सरकार को जरूरी बदलाव करने की हिदायत दी है.बैंक में रखा आम लोगों का पैसा रहे सुरक्ष‍ित, इसलिए FRDI में बदलाव जरूरी : ASSOCHAM

भारत में लॉन्च हुआ One Plus 5T Star Wars लिमिटेड एडिशन, ये हैं कीमत और फीचर्स

हटाया जाए ‘बेल-इन’ प्रस्ताव

एसोचैम ने कहा है कि बिल में आम आदमी की जमा पूंजी की सुरक्षा को लेकर तस्वीर साफ की जानी चाहिए. उसने सरकार को ये भी हिदायत दी है कि वह एफआरडीआई बिल के ‘बेल-इन’ प्रस्ताव को हटा दे, जो जमाकर्ता को भी क्रेडिटर्स के तौर पर गिनता है.

भारत को ध्यान में रखकर पेश हो‍ बिल

एसोचैम ने एक बयान जारी कर बताया कि बिल के इस ‘बेल-इन’ प्रस्ताव ने आम लोगों के बीच बैंक में जमा अपने पैसे को लेकर संशय की भावना पैदा कर दी है. एसोचैम के  महासच‍िव डीएस रावत ने कहा कि बिल में दिए गए इस प्रस्ताव को भारतीयों को ध्यान में रखकर पूरी तरह निकाल दिया जाना चाहिए. क्योंकि आम आदमी के पैसे की रक्षा हर हाल में की जानी चाहिए.

बैंकों में ढिगेगा लोगों का विश्वास

रावत ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो बैंकों में लोगों का जो विश्वास बना है. वह खत्म हो जाएगा. इसकी वजह से सरकार के सामने नई चुनौतियां आएंगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जो पैसा बैंकों में जमा हो रहा है. इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद वह अन्य गैरजरूरी क्षेत्रों में लगना शुरू हो  जाएगा. 

लोग बैंकों में पैसा रखने से बचने के लिए उसे रियल इस्टेट, सोना और ज्वैलरी खरीदने में खर्च करेंगे. इसके अलावा लोग अपनी जमा पूंजी को असंगठित संस्थानों में लगाएंगे और इससे वित्तीय गड़‍बड़ी की स्थ‍िति तैयार होने की आशंका है.

बैंक सामाजिक सुरक्षा का मजबूत आधार

रावत ने आगे कहा कि भारत में मध्यम वर्गीय व्यक्‍ति और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक में रखी जमा पूंजी ही सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत आधार है.  बैंक में रखी जमा पूंजी ही उनकी वित्तीय सुरक्षा होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में पश्च‍िमी देशों में लागू किया गया मॉडल नहीं लाया जाना चाहिए.

क्या है बेल-इन प्रस्ताव

एफआरडीआई बेल में दिए गए बेल इन प्रस्ताव का मतलब है कि जब भी कोई बैंक दिवालिया होगा, तो उसे बचाने का भार सिर्फ सरकार ही नहीं उठाएगी. बल्क‍ि बैंक को बचाने के लिए जमाकर्ता को भी थोड़ा भार उठाना पड़ेगा.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com