ओमप्रकाश तिवारी। हम अपने आंख-नाक-कान खुले रखें तो समाज में बहुत से गलत काम रोके जा सकते हैं। इस ज्वलंत उदाहरण पेश किया है बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति सूद ने। उनकी मदद से एक ऐसे बच्चा तस्कर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है, जो अब तक करीब 300 बच्चों को अमेरिका में 45-45 लाख रुपए में बेच चुका है। इस गिरोह का सरगना राजूभाई गमले वाला गुरुवार को मुंबई में पकड़ा गया।
फिल्म रिवॉल्वर रानी में काम कर चुकी अभिनेत्री प्रीति सूद ने दैनिक जागरण को बताया कि इसी वर्ष चार मार्च को उनके किसी परिचित ने फोन पर बताया कि वर्सोवा के एक ब्यूटी पार्लर में 10-12 वर्ष की दो बच्चियों का मेकअप किया जा रहा है। उसने बच्चियों की स्थिति संदेहास्पद बताई। रविवार होने के बावजूद प्रीति घर पर नहीं रुकी। वह पार्लर पहुंचीं तो तीन लोगों को लेडीज पार्लर के बाहर खड़ा पाया।
ग्राहक बनकर पार्लर पहुंचीं प्रीति ने बच्चियों से बात शुरू की, तो पता चला कि वह एक अंकल के साथ गुजरात से आई हैं। माता-पिता के बारे में पूछने पर बच्चियों ने चुप्पी साध ली। बच्चियों से प्रीति को बात करते देख तीनों लोग अंदर आ गए और झगड़ा शुरू कर दिया। लेकिन प्रीति तब तक 100 नंबर डायल कर चुकी थीं।
10 मिनट में ही पुलिस आ गई और बच्चियों के साथ दो लोगों को हिरासत में ले लिया गया। प्रीति को बाद में पता चला कि बच्चियों को उसी रात अमेरिका भेजा जाने वाला था। पुलिस ने इस मामले में उसी दिन दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। उनमें से 26 वर्षीय आमीर खान एक सेवानिवृत्त पुलिस सब इंस्पेक्टर का बेटा है।
11 साल से चल रहा था रैकेट
मूलत: गुजरात का रहने वाला 50 वर्षीय राजूभाई गमलेवाला पिछले 11 साल से बच्चों की तस्करी का रैकेट चला रहा था। वह गुजरात के गरीब परिवारों से 10 से 16 वर्ष की उम्र के बच्चों को खरीद कर उन्हें अमेरिका भिजवाता था। वहां एक-एक बच्चे की कीमत वह 45-45 लाख रुपए वसूलता था। अभी इस बात का पता नहीं चल सका है कि इन बच्चों का अमेरिका में क्या किया जाता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार राजू गुजरात के गरीब परिवारों से अपने एजेंट के जरिए संपर्क करता था। उन्हें पैसे का लालच देकर उनका बच्चा खरीद लिया जाता था। फिर किसी और परिवार से उसी उम्र के बच्चे का पासपोर्ट किराए पर लिया जाता था। खरीदे गए बच्चे का मेकअप पासपोर्ट में लगी तस्वीर जैसा ही कराने के बाद अपने एक आदमी के साथ अमेरिका भेज दिया जाता था। बच्चे के साथ गए व्यक्ति के वापस लौटने पर पासपोर्ट लौटा दिया जाता था।मार्च में इस गिरोह के चार लोगों के पकड़े जाने के बावजूद राजू फरार था। मुंबई पुलिस ने वाट्सएप्प नंबर के सुराग से उसे पकड़ लिया। राजूभाई गमलेवाला इससे पहले 2007 में पासपोर्ट में घपला करने के आरोप में भी पकड़ा जा चुका है। बच्चों की तस्करी मामले में राजू सहित उसके गिरोह के लोगों पर आईपीसी की धारा 34 और 373 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने राजू को 18 अगस्त तक पुलिस रिमांड में सौंप दिया है। उससे पूछताछ की जा रही है
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